तिब्बत में वृहद बांध, दो काउंटी के मसले पर भारत ने चीन से जताया विरोध

नयी दिल्ली 03 जनवरी (वार्ता) भारत एवं चीन के बीच सीमावर्ती इलाकों में सैन्य जमावड़े को कम करने को लेकर समझौते के बाद संबंधों को सामान्य बनाने की कोशिशों के बीच चीन द्वारा भारत के लद्दाख के अक्साई चिन वाले हिस्से को लेकर दो नयी काउंटी बनाये जाने पर भारत ने चीन के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है तथा तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर विश्व के सबसे बड़े बांध बनाने की घोषणाओं काे लेकर गंभीर चिंता जतायी है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यहां नियमित ब्रीफिंग में चीन की दोनों घोषणाओं के बारे में पूछे जाने पर यह प्रतिक्रिया व्यक्त की। नयी काउंटियों के बारे में प्रवक्ता ने कहा, “हमने चीन के होतान प्रान्त में दो नई काउंटी की स्थापना से संबंधित घोषणा देखी है। इन तथाकथित काउंटियों के अधिकार क्षेत्र के कुछ हिस्से भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आते हैं। हमने इस क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र पर चीन के अवैध कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है। नए देशों के निर्माण से न तो इस क्षेत्र पर हमारी संप्रभुता के बारे में भारत की दीर्घकालिक और सुसंगत स्थिति पर कोई असर पड़ेगा और न ही चीन के अवैध और जबरन कब्जे को वैधता मिलेगी। हमने कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष के समक्ष गंभीर विरोध दर्ज कराया है।”

तिब्बत में बांध बनाने संबंधी चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की टिप्पणी पर श्री जायसवाल ने कहा, “हमने चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में यारलुंग त्संगपो नदी पर एक जलविद्युत परियोजना के बारे में 25 दिसंबर 2024 को शिन्हुआ द्वारा जारी की गई रिपोर्ट देखी है। नदी के पानी पर स्थापित उपयोगकर्ता अधिकारों वाले एक निचले तटवर्ती राज्य के रूप में, हमने लगातार विशेषज्ञ-स्तर के साथ-साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष को उनके क्षेत्र में नदियों पर वृहद परियोजनाओं पर अपने विचार और चिंताएँ व्यक्त की हैं।”

प्रवक्ता ने कहा कि नवीनतम रिपोर्ट के बाद, पारदर्शिता और निचले देशों के साथ परामर्श की आवश्यकता के साथ-साथ इन्हें दोहराया गया है। चीनी पक्ष से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है कि ब्रह्मपुत्र के निचले राज्यों के हितों को ऊपरी क्षेत्रों में गतिविधियों से नुकसान न पहुंचे।

भारत के हितों की रक्षा के बारे में उन्होंने कहा, “हम अपने हितों की रक्षा के लिए निगरानी जारी रखेंगे तथा सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।”

यह पूछे जाने पर कि क्या पिछले माह भारत एवं चीन के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की बैठक में भारत को बांध एवं दो काउंटी के बारे में जानकारी दी गयी थी, प्रवक्ता ने कहा कि जो भी जानकारी दी गयी थी, वह विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति में शामिल है।

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