
खंडवा। पर्यावरण के इतिहास में निमाड़ का खंडवा नई इबारत लिख रहा है। बालाजी ग्रुप ने वैज्ञानिक तरीके से 100 साल पुराने बरगद के पेड़ स्थानांतरित कर दिए। उनमें कोपलें फूटने के बाद अब शहर के लोग भी इससे प्रेरित हो रहे हैं। किशोर नगर के सुशीला बालाजी नगर में फिर दो पेड़ इसी तकनीक के आधार पर स्थानांतरित हुए। बालाजी ग्रुप के रितेश गोयल इन पेड़ों के लिए अपनी कॉलोनी में बेशकीमती जगह भी दे रहे हैं।
रितेश गोयल ने अच्छी बात यह कही कि लोगों को ऑक्सीजन का महत्व समझना चाहिए। भगवान ने इसे बिना भेदभाव के सबको नि:शुल्क प्रदान की है। हम शायद इसीलिए इसका महत्व आंकने में चूक कर जाते हैं। हमें समझना चाहिए कि जितनी ऑक्सीजन हम ले रहे हैं, उससे डेढ़ गुना तो प्रकृति को लौटना चाहिए।ऐसी धारणा बनेगी, तभी प्रदूषण हटेगा और शुद्ध ऑक्सीजन हमारी अगली पीढ़ी को मिल पाएगी। बालाजी ग्रुप खंडवा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नए काम कर रहा है। इसी क्रम में दो पेड़ों को किशोर नगर क्षेत्र से स्नेह बालाजी नगर कॉलोनी में स्थानांतरित किया गया।
बरगद व जामुन के हैं पेड़
पर्यावरण प्रेमी रितेश गोयल ने बताया कि एक स्कूल के संचालक ने हमसे कहा कि किशोर नगर क्षेत्र में विद्यालय की नई शाखा की जमीन पर एक बरगद और एक जामुन का पेड़ लगे हैं ,जो कि निर्माण में बाधा बन रहे हैं। चूंकि वृक्ष को काटना उचित नहीं होता है, इसलिए बालाजी ग्रुप के संस्थापक रितेश गोयल से संपर्क किया गया।
इसके बाद इस स्थानांतरण हेतु नगर पालिका निगम से आवेदन किया गया और तत्पश्चात इन पेड़ो पर बालाजी ग्रुप द्वारा कुछ प्राकृतिक और केमिकल प्रक्रियाएं की गई।
विशेषज्ञ डेविड भी पहुंचे
बालाजी ग्रुप के वृक्ष स्थानांतरण विशेषज्ञ डेविड जी के मार्गदर्शन में तीन महीनों तक ये प्रक्रिया चली। इसके बाद इन दोनों पेड़ों को विधिवत पूजा करने के बाद स्नेह बालाजी नगर में स्थानांतरित कर दिया। वृक्ष स्थानांतरण के दौरान बालाजी ग्रुप के संस्थापक रितेश गोयल, अमरीष सिंह सिकरवार, डेविड जी, आदित्य किशोरे, पिंकू अग्रवाल, अर्पित पुरी, अशोक कुमार सुखवाल, निकिता मालाकार, आशीष, ललित आदि मौजूद रहे।
