लोक परिवहन की शेष व्यवस्थाएं बनी रहेगी*
इंदौर :दिनांक 22 नवंबर 2024। महापौर एवं एआईसीटीएसएल चेयरमैन श्री पुष्यमित्र भार्गव द्वारा मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी के भोपाल की तरह इंदौर के बीआरटीएस को भी हटाने की घोषणा का स्वागत करते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देते हुए, इस ऐतिहासिक निर्णय को जनहित में इंदौर के ट्रैफिक को सुगम बनाने की दृष्टि से और देश कि वर्तमान में परिस्थिति से निर्णय को उचित बताया है।
महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री जी के इस निर्णय को लेने के कई सारे कारण हो सकते हैं जो मुझे लगते हैं एक एबी रोड पर आने वाले समय में ट्रैफिक को सुगम बनाने की दृष्टि से 4-5 पुल बनाने की तरफ हम आगे बढ़ रहे हैं जिसका फिजिबिलिटी सर्वे भी बहुत तेजी से हो रहा है। दूसरा जब इस बीआरटीएस को बनाने की कल्पना हुई थी शहर में अर्बन ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने की दृष्टि से और बीआरटीएस के माध्यम से जो पैसा शहर में आया उस कारण से ये पूरा रोड बना सड़क बनी एंड टू एंड सड़क बन गई
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पूरे शहर की दृष्टि से उस बीआरटीएस को यदि हम कर पाते तो एक बड़ी उपलब्धि होती है पब्लिक ट्रांसपोर्ट की दृष्टि से इसलिए कॉमन एरिया में चलने वाले लोगों की सुविधा मुख्य मार्ग पर ट्रैफिक को सुगम बनाने की दृष्टि से भविष्य में होने वाले निर्माण जो अपने आप ट्रैफिक कंजेशन को ठीक करेंगे। इन कारणों से मुख्यमंत्री जी का यह फैसला बहुत ऐतिहासिक है हम इसका स्वागत करते हैं साथ ही माननीय उच्च न्यायालय में जो जनहित याचिका लगी थी या एक और अन्य कोई याचिका जो लगी है उसके बारे में मैं यह कह सकता हूं कि भले कोई बीआरटीएस हटाने के लिए कोर्ट में गया उसको लेकर माननीय न्यायालय ने समय समय पर अलग-अलग कमिटीज भी बनाई। कई बार फैसले भी आए लेकिन आज उसको हटाने की याचिका लंबित है और माननीय मुख्यमंत्री जी का निर्णय नीतिगत निर्णय पॉलिसी डिसीजन है तो अगर यह नीतिगत निर्णय है।
महापौर श्री भार्गव ने बताया कि एक बात मैं बहुत स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मान लीजिए बीआरटीएस हट जाता है, फिर भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस बंद नहीं होगी, लोगों की सुविधाओं के लिए चलने वाली बसें बनी रहेगी। हम उसको और सुगम सुलभ बनाने के लिए व्यवस्थाएं देंगे आवश्यकताएं पड़ेंगी, तो बसों की संख्या बढ़ाएंगे अभी पलासिया उसका उदाहरण है।
क्या बसों को बदलना पड़ेगा? क्या नए स्टाफ बनेंगे?
प्रथम दृष्टया बस बदलनी पड़ेगी लेफ्ट हैंड पर स्टॉप बनाने पडेंगे। इतना ही हमको करना पडेगा वो हम करेंगे। इसलिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट और सुगम हो बसें जो है वो चलती रहेंगी बसें बंद नहीं होंगी। लोगों के लिए आवागमन के संसाधन और जितने बढ़ाने की आवश्यकता होगी वो बढाएंगे। बीआरटीएस जब बना तब और अभी की परिस्थितियों में बदलाव है। इसलिए यह निर्णय जनहित का है। हम इसका स्वागत करते हैं और मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देते हैं।
इसे हटाने का काम कब से कैसे?
माननीय मुख्यमंत्री जी ने घोषणा की है बाकी उसके और नीतिगत पहलू और उच्च न्यायालय में उसकी जनहित याचिका भी लंबित है तो एक बार उसमें पक्ष रखने के बाद जो निर्णय आएगा, उसके बाद जो दिशा निर्देश प्राप्त होंगे उस आधार पर काम शुरू हो जाएगा।
हाईकोर्ट फैसले के बाद ही हटाया जाएगा
चूंकि ये मामला उच्च न्यायालय में लंबित है इस पर 2-3 माननीय न्यायाधीश महोदय के अलग-अलग व्यूज भी आए हैं तो एक याचिका के निराकरण के बाद होना।माननीय मुख्यमंत्री जी ने निर्णय लिया है यह ऐतिहासिक भी है और नीतिगत भी है, ये पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसा था वैसा और मजबूत सुलभ बनाने के साथ ही उसको आगे बढाएगे। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कोई कमी नहीं आएगी और हम तो माननीय मुख्यमंत्री जी से केंद्र सरकार से कहेंगे इंदौर में और बस बढ़ाई जाए नई बसें लाई जाए।