ग्रेट इंडिया कृषि केन्द्र में अनुविभागीय कृषि अधिकारी की दाबिश,एफआईआर दर्ज
जबलपुर: जिले में खाद को लेकर अभी भी धांधली और गड़बडिय़ां लगातार सामने आ रही हैं। जिसके चलते कई कृषि केंद्रों में व्यापारियों द्वारा किसानों को अधिक रेट पर यूरिया और डीएपी खाद का वितरण किया जा रहा है। जिसकी शिकायत मिलने पर अनुविभागीय कृषि अधिकारियों द्वारा गोसलपुर में दाबिश देकर एक कृषि केंद्र की जांच की, जिसमें पाया कि कृषि केंद्र संचालक द्वारा किसानों को अधिक रेट में यूरिया और डीएपी का वितरण किया गया है।
जिसके चलते कृषि केंद्र के प्रोपराइटर के ऊपर गोसलपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। जानकारी के अनुसार संचालक कृषि डॉ एस के निगम के निर्देशन में 19 नवंबर को ग्रेट इंडिया कृषि केन्द्र गोसलपुर का अनुविभागीय कृषि अधिकारी मनीषा पटेल एवं जे.एस. राठौर व कृ वि अ सिहोरा के द्वारा औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में प्रतिष्ठान में संधारित अभिलेखों की जांच की गई, जिसमें मूल्य सूची प्रदर्शित पाई गई स्टाक रजिस्टर अपूर्ण पाया गया। प्रतिष्ठान में उपलब्ध कैश मेमो के अवलोकन में पाया गया कि मेसर्स आजाद पटेल द्वारा कृषक को यूरिया शासन के निर्धारित दर से अधिक में बेची है, इसके अलावा
डीएपी भी कृषकों को निर्धारित रेट से ज्यादा बेची गई है।
यूरिया 300 से ज्यादा तो डीएपी बेची 1480 तक
ग्रेट इंडिया कृषि केन्द्र गोसलपुर के मेसर्स आजाद पटेल ने 300 रूपये प्रति बोरी यूरिया जो शासन के निर्धारित दर से अधिक में 310 रूपये में बेची है। इसी प्रकार कुल 11 कृषकों को 128 बोरी यूरिया अधिक रेट में बेची एवं डीएपी 12 कृषकों को 119 बोरी अधिक दर पर रूपये 1400 एवं 1450,1480 रुपए प्रति बोरी तक बेची है। जिससे संचालक द्वारा अच्छा खासा मुनाफा कमाया है।
यूरिया 4.9.50 टन एवं डीएपी 0.9.50 टन मिली
जांच के दौरान कैश मेमो में अंतिम बिल प्रतिष्ठान में भौतिक रूप से यूरिया 4.9.50 टन एवं डीएपी 0.9.50 टन पाया गया। अनियमितता पाये जाने पर ग्रेट इंडिया कृषि केन्द्र गोसलपुर के प्रोपराइटर आजाद पटेल द्वारा अधिक मूल्य पर यूरिया एवं डीएपी विक्रय करने पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 3(1) (3) एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 एवं 7(3) के अंतर्गत गोसलपुर थाने मे एफआईआर दर्ज कराई गई।