नयी दिल्ली 13 नवम्बर (वार्ता) मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ की रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा आयोजित ‘अंतरिक्ष अभ्यास ’ बुधवार को यहां संपन्न हो गया जिसमें अंतरिक्ष युद्ध के क्षेत्र में भारतीय सशस्त्र बलों की रणनीतिक तत्परता, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष क्षमताओं पर गहन चर्चा की गयी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार तीन दिन का यह अभ्यास सोमवार को शुरू हुआ था। इसे अंतरिक्ष युद्ध के क्षेत्र में भारतीय सशस्त्र बलों की रणनीतिक तत्परता को मजबूत करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।
अभ्यास के दौरान उभरती हुई अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों, अंतरिक्ष स्थिति जागरूकता और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों पर केंद्रित चर्चा की गयी। चर्चाओं में महत्वपूर्ण अंतरिक्ष संपत्तियों की निगरानी , सुरक्षा और तेजी से विवादित अंतरिक्ष परिदृश्य के बारे में जागरूकता बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
प्रतिभागियों ने सैन्य, वैज्ञानिक और शिक्षाविदों के अलावा सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार परिदृश्य आधारित अभ्यासों में भाग लिया। विशेषज्ञों ने सैन्य अंतरिक्ष क्षमताओं और प्रौद्योगिकियों के मौजूदा और भविष्य के परिदृश्य की तस्वीर पेश की। उन्होंने रक्षा अंतरिक्ष संचालन में सामने आने वाली विशिष्ट चुनौतियों और अंतरिक्ष सुरक्षा, सुरक्षा तथा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष कानूनों की उभरती प्रकृति पर प्रकाश डाला।
अंतरिक्ष अभ्यास का उद्देश्य तीनों सेनाओं और रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी के बीच अंतर-संचालन क्षमता में सुधार, आपसी समझ को बढ़ावा देना और सामंजस्य बढाना था ।