सिंहस्थ की दृष्टि से महत्वपूर्ण है धर्मस्व न्यास और धर्मस्व विभाग का स्थानांतरण
नवभारत न्यूज
उज्जैन। सूबे के सीएम डॉ. मोहन यादव के दिल में उज्जैन बसा हुआ है। वे उज्जैन का विकास होते हुए देखना चाहते हैं और यही कारण है कि उनके द्वारा ऐसे फैसले भी लिए जा रहे है जो हर किसी के लिए अप्रत्याशित है। ऐसा ही एक और फैसला उन्होंने लिया है धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग को उज्जैन स्थानांतरित करने का।
यह दोनों विभाग उज्जैन में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है और जैसे ही यह दोनों विभाग सिंहस्थ प्राधिकरण के भवन में आयेंगे। वैसे ही न केवल सिंहस्थ का आगाज हो जाएगा। वहीं उज्जैन और इसकी धार्मिकता का भी समायोजन होगा। चूंकि उज्जैन धार्मिक शहर है और यहां महाकाल मंदिर है वहीं ऐसे कई धार्मिक और संस्कृति से जुड़े आयोजन होते हैं जो अपनी पहचान देश भर में स्थापित कर चुके है और ऐसे में यदि धर्मस्व न्यास और धर्मस्व विभाग उज्जैन में संचालित होने की शुरुआत होती है तो निश्चित ही धार्मिक गतिविधियों को और गति मिल सकेगी। आगामी सिंहस्थ के आयोजन में अब ज्यादा दिन नहीं है क्योंकि दिन जाते देरी नहीं लगती है और चूंकि यह विभाग सिंहस्थ मेला प्राधिकरण भवन में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया चल रही। लिहाजा प्राधिकरण भवन में भी न केवल हलचल ज्यादा होने लगेगी वहीं सिंहस्थ की तैयारियों को भी बल मिल सकेगा। इसके अलावा मध्यप्रदेश तीर्थ स्थान और मेला प्राधिकरण भी स्थानांतरित होने की जानकारी सामने आ रही है। जानकारी मिली है कि जिला प्रशासन ने सरकार को सिंहस्थ मेला प्राधिकरण भवन में जगह उपलब्ध कराने संबंधी जानकारी शासन को भेज दी है। शीघ्र ही इस संबंध में स्वीकृति मिल सकती है और इस कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा। इससे उज्जैन को मिलने वाली सौगात में इजाफा हो जायेगा।
यह होगा फायदा
सिंहस्थ आयोजन को लेकर जिला प्रशासन और सरकार में समन्वय बन सकेगा। सिंहस्थ और मेलों के लिए निर्णय तेजी से लिए जा सकेंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर से जुड़े फैसले भी हो सकेंगे।