वेयरहाउस में धांधली से सरकार को करोड़ों की चपत

 खरीदी और भंडारण में होनी चाहिए पारदर्शिता

जबलपुर: आगामी 2  दिसंबर से धान की खरीदी शुरु होने जा रही है, लेकिन विगत वर्ष जिले में कई बार खरीदी और भंडारण में कई प्रकार की धांधली सामने आई थी, जिससे जांच होने पर वेयरहाउस के अंदर और खरीदी के समय ही गड़बड़ी पाई गई थी। जिससे सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लग जाती है। जिसको रोकने के लिए खरीदी और भंडारण के समय पूरी पारदर्शिता होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि हर बार की तरह इस बार भी जिले की तहसीलों में बने वेयरहाउस में ही खरीदी केंद्र बनाए जायेंगे, जिससे किसानों द्वारा फसल लेकर आने पर तुलाई होने के बाद सीधे वेयरहाउस के अंदर ही भंडारण कर दिया जाता है। जिससे पहले की तरह अनाज खुले में नहीं रखा रहेगा और न ही इसमें किसी भी मौसम की मार पड़ेगी। जिससे अनाज खऱाब भी नहीं होता है। इसलिए सभी जगहों पर समर्थन मूल्य की खरीदी वेयर हाउस में ही केंद्र बनाकर होने लगी है।
नान संभालेगा जिम्मा
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए अब मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ को अलग करके नागरिक आपूर्ति निगम नान को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। जो कि अब आगामी समर्थन मूल्य पर होने वाली धान खरीदी का पूरा जिम्मा संभालेगा।  जिसके लिए अधिकारियों द्वारा अपने स्तर पर तैयारी भी शुरू कर दी गई हैं। विगत वर्षों में गेहूं और धान की खरीदी में हुई धांधली और गड़बडिय़ों को देखते हुए इस वर्ष से नान को ही खरीदी का जिम्मा सौंपा गया है।
अधिकारियों की मौजूदगी में हो भंडारण
कुछ समय पूर्व ही जबलपुर में वेयरहाउस के अंदर धांधली सामने आई थी। जिसके कारण खरीदी का करीब 2 हजार क्विटंल गेंहू गायब कर दिया गया था। इसके अलावा मूंग खरीदी मामले में भी मिलावट और गड़बड़ी आदि पाई गई थी, जिससे सरकार को इसकी चपत लगती थी। ऐसा ही कुछ मामला धान खरीदी के उपरांत न हो उसके लिए सभी खरीदी केंद्रों पर अधिकारीयों द्वारा प्रतिदिन मॉनिटरिंग होना चाहिए। जिससे प्रतिदिन किसानों से कितनी धान खरीद गई और कितनी धान भंडारित की गई है। जिससे केंद्रों में होने वाली धांधली को रोका जा सकता है और भंडारित किया हुआ माल जब निकाला जाय तो किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी न मिले।
भंडारण के बाद भी हो जांच
समितियों द्वारा समर्थन मूल्य में जो खरीदी होने के बाद जिस वेयरहाऊस में खरीदी की जाती है, उसी में अनाज भंडारित किया जाता है। जिसके बाद वेयरहाउस को बंद कर दिया जाता है। जिसकी जिम्मेदारी वेयरहास संचालक की होती है। लेकिन कभी – कभी संचालकों द्वारा ही वेयरहाउस के अंदर धांधली की जाती है जिससे अनाज रिकॉर्ड से कम पाया जाता है या अनाज की गुणवत्ता खराब मिलती है। इसलिए भंडारित किए हुए अनाज को समय- समय पर अधिकरियों द्वारा वेयरहाउस में जांच करनी चाहिए जिससे किसानों द्वारा खरीदे हुए माल को जब सरकार उपयोग में लाए तो उसमें किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी न सामने आए।

Next Post

पड़री जलाशय को भूल गया विभाग

Mon Nov 4 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email किसानों की समस्या सुनने की जहमत नही जुटा पा रहा जल उपभोक्ता संस्था, गायब हो गई हैं नहर सिंगरौली : तहसील चितरंगी के ग्राम पड़री में बना बांध अपने जीर्णोदार की बाट जोह रहा है। लेकिन जल […]

You May Like