सतना :शहर के सर्किट हाउस चौक पर मुगलवार की शाम बेलगाम कार की ठोकर के चलते मासूम बेटे के रक्त रंजित शव को गोद में लिए बिलख रही मां की चीखें अभी नगरवासियों के जेहन से निकलने भी नहीं पाई थीं कि अगले दिन की दोपहर होते-होते एक और बेलगाम कार के कहर ने लोगों में दहशत भर दी. तेज रफ्तार कर ने यातायात थाने के सामने ही पुलिसकर्मी सहित स्कूटी सवार दो छात्रों और एक ठेले को जबरदस्त ठोकर मार दी. इस घटना में घायल छात्रों का इलाज जहां सतना में ही जारी है वहीं पुलिसकर्मी की गंभीर हालत को देखते हुए जबलपुर रेफर कर दिया गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार की दोपहर वेन्यू कार क्र. एमपी 19 सीए 0202 तेज रफ्तार के साथ कोठी रोड पर दौड़ती नजर आई. इतना ही नहीं बल्कि वह तेज रफ्तार कार गलत दिशा में दौड़ते हुए कुछ इस कदर बेलगाम हो गई कि जैसे ही वह यातायात थाने के सामने पहुंची वैसे ही वहां पर खड़े एक पुलिसकर्मी को देखते ही देखते जोरदार ठोकर मार दी. तेज रफ्तार कार की ठोकर लगते ही पुलिसकर्मी उछलकर दूर जा गिरे और गंभीर तौर पर घायल हो गए. बेलगाम कार की रफ्तार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुलिसकर्मी को ठोकर मारने के बाद उसने स्कूटी सवार दो छात्रों को ठोकर मारते हुए घायल कर दिया.
इतना ही नहीं बल्कि इसके बाद कार ने सड़क किनारे मौजूद समोसे को ठेले को भी ठोकर मारी और धड़ाम से फुटपाथ के ऊपर जा चढ़ी. तेज रफ्तार कार के ठोकर मारते हुए फुटपाथ पर चढ़ जाने के चलते कार के अगले हिस्से के परखच्चे उड़ गए. जबरदस्त टक्कर मारने के चलते कार के एअर बैग तक खुल गए. घटना के चलते मचे हाहाकार को सुनकर आस पास के लोगों सहित यातायात थाने में मौजूद पुलिसकर्मी भी भागते हुए मौके पर पहुंचे. एक ओर जहां स्थानीय लोगों ने घायलों को संभालने की कोशिश शुरु की वहीं दूसरी ओर पुलिसकर्मियों ने कार सवार 3 युवकों को दबोच लिया. जबकि कार में सवार कुछ अन्य युवक भाग निकलने में सफल हो गए. आनन-फानन में घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया. जहां पर गंभीर तौर पर घायल यातायात थाने के प्रधान आरक्षक राजललन बुनकर को फौरन भर्ती कर इलाज शुरु किया गया.
लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए कुछ देर बाद ही उन्हें जबलपुर के लिए रेफर कर दिया गया. वहीं प्र.आ. के बुरी तरह घायल होने की जानकारी मिलते ही एएसपी शिवेश सिंह, सीएसपी महेंद्र सिंह, डीएसपी यातायात संजय खरे, टीआई सिटी कोतवाली शंखधर द्विवेदी, कोलगवां थाना प्रभारी सुदीप सोनी, सिविल लाइन थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह, यातायात प्रभारी सुनीता पटेल सहित अन्य पुलिसकर्मी जिला अस्पताल पहुंच गए. जबकि स्कूटी सवार घायल दोनों छात्रों अंशुल सिंह पिता पुष्पेंद्र 18 वर्ष निवासी सिविल लाइन और कुमार सिंह पिता चिंतामणि 18 वर्ष निवासी सोनवर्षा को जिला अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरु कर दिया गया. चिकित्सकीय स्टॉफ के अनुसार घायल दोनों छात्रों की हालत खतरे से बाहर बताई गई. दोनों छात्र एकेएस विश्वविद्यालय में अध्ययनरत बताए गए.
नशे में बताए गए कार सवार
प्रत्यदर्शियों के अनुसार कार सवार युवक नशे में धुत्त नजर आ रहे थे. उन्होंने गढिय़ा टोला सिविल लाइन रोड पर गलत दिशा की लेन में कार घुसा दी और बेलगाम रफ्तार से दौड़ाने लगे. इसी कड़ी में कुछ लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि कार सवार युवक शहर के एक निजी विश्वविद्यालय के छात्र हैं. यातायात थाने के सामने कहर ढाने से पहले कार सवार इन छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में भी जमकर उत्पात मचाया था. बताया गया कि परिसर में तेज रफ्तार कार को दौड़ाते हुए कई चक्कर लगाए गए. इस दौरान परिसर में मौजूद अन्य छात्रों के बीच दहशत फैल गई थी. विश्वविद्यालय परिसर में उत्पात मचाने के बाद ये कार सवार युवक बाहर निकले और पतेरी रोड से होते हुए कोठी रोड की ओर मुड़ गए. जहां पर बेवजह बेलगाम रफ्तार से राहगीरों को आतंकित करते रहे.
नाकाबिल साबित होती व्यवस्था
शहर की यातायात व्यवस्था कितनी अराजक हो चुकी है इसका तस्दीक केवल हाल में ही हुई दो बड़ी घटनाओं के जरिए नहीं की जा सकती. बल्कि इसका दंश हर रोज शहर के किसी न किसी हिस्से में राहगीरों को झेलने के लिए मजबूर होना पड़ता है. अराजकता केवल नवधनाढ्य चार पहिया दौड़ाने वाले लोगों तक ही सीमित नहीं होती बल्कि कई बाइक सवार और आटो चालक भी यह करते देखे जाते हैं. इसके पीछे मुख्य वजह यही समझ में आती है कि सड़कों पर अराजकता करने वालों के मन में कानून-व्यवस्था को लेकर रत्ती भर का डर नहीं होता. हलांकि स्वयं पर दबाव बढ़ता देख यातायात व पुलिस थानों का अमला जांच अभियान छेडऩे का दिखावा करता जरुर है. लेकिन उक्त जांच की जद में केवल सीधे-सादे लोग ही चंद कागज अथवा हेलमेट के फेर में फंसते नजर आते हैं. जबकि सड़कों पर अराजकता करने वाले व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए कहीं और से निकल जाते हैं. वैसे भी प्रमुख मार्ग और चौराहों पर की जाने वाली जांच की कवायद हमेशा सवालों के घेरे में खड़ी नजर आती है.