नयी दिल्ली (वार्ता) आपराधिक कमाई के शोध के मामलों की जांच करने वाली एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दिल्ली ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े धन शोधन के एक मामले में तत्कालीन मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा, उनके निकट सहयोगी तेजिंदर पाल सिंह तथा कुछ अन्य व्यक्तियों के खिलाफ धन शोधन मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत में अभियोजन का मामला दर्ज किया है।
एजेंसी ने बुधवार को बताया कि यह मामला 28 मार्च को दायर किया गया। अदालत ने बुधवार को इसका संज्ञान लिया।
इस मामले में उद्यमी अनिल कुमार अग्रवाल (मैसर्स इंटीग्रल स्क्रू इंडस्ट्रीज के मालिक एवं उप-ठेकेदार), डीके मित्तल (एनबीसीसी के तत्कालीन कर्मचारी) और दिल्ली जल बोर्ड के साथ अनुबंध पर काम करने वाली कंपनी मैसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को नामित किया गया है।
ईडी ने यह मामला डीजेबी में 38 करोड़ रुपए के एक ठेके में भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच के आधार पर अपनी जांच के लिए लिया है। एनकेजी इंफ्रा को यह ठेका बहुत ऊंची दर पर दिया गया था और इसमें भ्रष्टाचार हुआ था।
ईडी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत इस मामले की जांच कर रही है।
ईडी ने कहा है कि दिल्ली में पीएमएलए के तहत मामलों की सुनवाई करने वाले विशेष न्यायालय ने बुधवार को अभियोजन शिकायत का संज्ञान लिया।