इंदौर: प्रदेश कांग्रेस कमेटी गठित होने की चर्चा करीब महीने से चल रही है, मगर अभी तक कमेटी घोषित नहीं हुई। इसका कारण है मध्यप्रदेश की विधानसभा और लोकसभा में कांग्रेस की बुरी तरह से हार पर चव्हाण कमेटी की रिपोर्ट. इस रिपोर्ट पर अभी मंथन होना बाकी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने रिपोर्ट पर चर्चा और उसके कारणों के पहले कोई भी निर्णय लेने से मना कर दिया है.
लंबे समय से चर्चा चल रही है कि प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी प्रदेश कमेटी घोषित कर देंगे। यह सिर्फ चर्चा ही बन कर रह गई है. बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी अभी हरियाणा चुनाव के पहले घोषित नहीं हो सकती है. विधान सभा चुनावों में हार के बाद लोकसभा में कांग्रेस प्रदेश में सभी सीटें हार गई. दिल्ली में मध्य प्रदेश का एक भी सांसद कांग्रेस से नहीं पहुंचा. इतनी बड़ी हार के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक कमेटी बना कर रिपोर्ट मांगी है. कमेटी में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और मनमोहन सिंह सरकार में पीएमओ के मंत्री रहे पृथ्वीराज चव्हाण अध्यक्ष और अन्य दो नेताओं को हार के कारणों की रिपोर्ट बनाकर देने को कहा है.
तवज्जो नहीं दी
पृथ्वीराज चव्हाण लोकसभा चुनावों में हार के कारणों पता लगाने पहुंचे. वे करीब दो बार तीन-तीन दिन रुक कर नेताओं और कार्यकर्ताओं से जानकारी ले रहे थे. इस दौरान भी प्रदेश के दोनों पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह और कमलनाथ ने चव्हाण को तवज्जो नहीं दी और सहयोग नहीं किया था. चव्हाण ने भी कह दिया था कि दोनों को हाईकमान देखेगा. परिणाम यह हुआ कि सोनिया गांधी और राहुल ने कमलनाथ को कई महीनों तक मिलने का समय नहीं दिया. नाथ की मुलाकात अभी पिछले हफ्ते हुई है.
लोकसभा हार की रिपोर्ट पर पहले चर्चा हो
खैर, मुद्दे की बात यह है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रदेश कमेटी के गठन पूर्व लोकसभा चुनावों में रिपोर्ट पर चर्चा करने का बोल दिया. खड़गे ने सीधा कहा कि लोकसभा हार की रिपोर्ट पर पहले चर्चा हो. चव्हाण की अध्यक्षता में कमेटी क्यों बनाई गई थी? राष्ट्रीय अध्यक्ष के तर्क से वरिष्ट नेता सहमत नजर आए. दूसरी ओर प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह और जीतू पटवारी में भी आंतरिक तौर पर ठन गई है. प्रभारी ने सिर्फ 60 लोगों की कमेटी का कह कर फिलहाल टाल दिया है.
जीतू की फजीहर हो रही
ऐसा माना जा रहा है कि जीतू पटवारी राहुल गांधी से अपने संबंधों को लेकर प्रदेश प्रभारी को हटाने की जुगत में है. यह खबर भंवर जितेंद्र सिंह को लग चुकी है. इस कारण जीतू की फजीहत हो रही है. कहा जा सकता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा चव्हाण कमेटी की रिपोर्ट पर मंथन के बाद ही मध्य प्रदेश कांग्रेस को लेकर कोई निर्णय होगा. जब तक चर्चाओं का दौर जारी है और चलता रहेगा