नयी दिल्ली (वार्ता) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मंगलवार को झारखंड सरकार को एक नोटिस जारी कर जमशेदपुर एमजीएम अस्पताल में एक गर्भवती महिला को इलाज नही मिलने की घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
नोटिस में उस घटना के संबंध में झारखंड सरकार से रिपोर्ट मांगी गई जिसमें जमशेदपुर एमजीएम अस्पताल में प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक महिला को 27 घंटे तक बिना इलाज के फर्श पर छोड़ दिया गया था। जिससे उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई।
आयोग ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने कहा कि रिपोर्ट में पीड़ित महिला के स्वास्थ्य की स्थिति और सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता के साथ-साथ अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी मांगी गई है। साथ ही रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख करने के लिए कहा गया है कि क्या अधिकारियों द्वारा पीड़ित परिवार को कोई मुआवजा दिया गया है।
एनएचआरसी ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया कि झारखंड के जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक गर्भवती महिला को बेहतर चिकित्सा देखभाल के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा रेफर किए जाने के बाद लगभग 27 घंटे तक उसकी देखभाल नहीं की गई। महिला को अस्पताल में बिस्तर उपलब्ध नही होने के कारण कथित तौर पर फर्श पर लेटना पड़ा। महिला को कोई इलाज नहीं मिलने पर अगले दिन उसके बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गई। यह भी बताया गया कि एक अन्य महिला जिसने हाल में बच्चे को जन्म दिया था का इलाज फर्श पर किया जा रहा था।