रतलाम/आलोट। केसीसी लोन मंजूर करने वाले सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के रिश्वतखोर मैनेजर मांगीलाल चौहान को 10 हजार लेते हुए रंग के हाथों गिरफ्तार किया गया। न्यायाधीश आदित्य रावत द्वारा बैंक मैनेजर को 4 साल की सजा तथा 2000 के अर्थ दंड से दंडित किया गया। पैरवी विशेष लोक अभियोजक (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) कृष्णकांत चौहान द्वारा की गई।
जिला अभियोजन अधिकारी जिला रतलाम गोविन्द प्रसाद घाटिया एवं अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी विजय कुमार पारस ने बताया कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा आलोट, जिला रतलाम के तत्कालीन मैनेजर मांगीलाल चौहान ने 2 लाख 72000 का केसीसी लोन मंजूर होने के बाद 7 मार्च 2022 को आवेदक बालूसिंह रेवडिय़ा पिता रामचंद्र को फोन लगाया। लोन मंजूर होने के बदले 15000 रिश्वत की मांग की। लोन मंजूर होने पर 10000 देने की बात तय हुई। आवेदक ने इसकी सूचना लोकायुक्त उज्जैन को दी। 11 मार्च 2022 को जब 10000 दिए गए, तब विधिवत ट्रिपिंग की कार्रवाई की गई। मैनेजर मांगीलाल चौहान को गिरफ्तार किया। कोर्ट में प्रकरण प्रस्तुत किया गया।
जेल भेजा: रिश्वत लेने वाले बैंक मैनेजर मांगीलाल चौहान पिता बलदेव चौहान (60) तत्कालीन शाखा प्रबंधक सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया, शाखा आलोट को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 में दोषसिद्ध पाया। 4 वर्ष के सश्रम कारावास तथा राशि 2000/- रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित कर आरोपी को जेल भेजा गया।