कोलकाता 28 अगस्त (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आह्वान पर बुधवार को 12 घंटे के बंगाल बंद के दौरान भाजपा और सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पों के बीच पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले दागने और लाठीचार्ज की कार्रवाई के साथ सामान्य जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित रहा।
बंद के दौरान निजी वाहन और टैक्सियाँ सड़कों से नदारत रहे । निजी कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में उपस्थिति कम रही तथा कई बाज़ारों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों ने अपने शटर बंद रखे। राज्य के कुछ हिस्सों में ट्रेन सेवाएँ प्रभावित रहीं, लेकिन शहर और उसके आसपास के इलाकों में मेट्रो सेवाएं सामान्य रूप से जारी रही।
राज्य के विभिन्न जिलों से सुबह छह बजे से भाजपा और तृणमूल कांग्रेस समर्थकों के बीच झड़पों की रिपोर्टें मिलती रही। राजधानी कोलकाता के मुंशी बाजार और नादिया जिले सहित अन्य इलाकों में झड़पें हुईं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कोलकाता में कानून-व्यवस्था भंग करने के आरोप में 76 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें 64 पुरुष और 12 महिलाएं शामिल हैं। पुलिस ने दंगा रोधी उपकरणों से लैस होकर कई स्थानों पर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठियां बरसायी।
बंद की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार की चेतावनी के बाद सचिवालय सहित अधिकांश सरकारी कार्यालयों में सामान्य उपस्थिति रही। कई जिलों में भाजपा समर्थक सुबह से ही सड़कों पर लोगों से अपने प्रतिष्ठान बंद करने की अपील करते देखे गए। कुछ तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बंद का विरोध करने की कोशिश की, जिससे दोनों पक्षों के बीच हाथापाई और झड़पें हुईं। भाजपा नेता रूपा गांगुली, लॉकेट चटर्जी, राहुल सिन्हा और राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य को राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिरासत में लिया गया।
प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक राज्य के कई हिस्सों में बंद समर्थकों द्वारा पटरियों को अवरुद्ध करने के कारण ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं। हुगली में भाजपा समर्थक एक ट्रेन के इंजन पर चढ़ गए और उसकी विंडशील्ड पर पार्टी के झंडे फहराये। उत्तर 24 परगना जिले में, भाजपा नेता प्रियंगु पांडे ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने उनकी कार पर बम फेंके और 6-7 राउंड गोलियां चलायी। उन्होंने दावा किया कि इस घटना में दो लोग घायल हुए हैं।
बंगाल बंद को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और आरोप-प्रत्यारोप लगाये। सुश्री बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर उनकी सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया और उन्हें लोकतांत्रिक तरीके से उनका सामना करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, “हम इस बंद का समर्थन नहीं करते हैं। हमने इस दिन को आरजी कर डॉक्टर को समर्पित किया है। हम न्याय चाहते हैं, लेकिन भाजपा ने आज राज्य की छवि खराब करने और अस्पताल में हत्या मामले की जांच को बाधित करने के लिए बंद का आह्वान किया है।”
उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगले सप्ताह राज्य विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा और दुष्कर्मियों को मौत की सजा देने वाला कानून 10 दिनों के भीतर पारित किया जायेगा। तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बंद को ‘फ्लॉप’ करार दिया।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बंद के सफल रहने का दावा करते हुए कहा , “ममता बनर्जी सरकार द्वारा बंद का विरोध करने और उनकी पार्टी के समर्थकों के भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला करने के बावजूद कुल मिलाकर बंद सफल रहा। हम सरकार के दमन के खिलाफ लोगों के भारी समर्थन के लिए उनका शुक्रिया अदा करते हैं।” उन्होंने कहा कि बंद के दौरान उनके 1,350 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया और पुलिस कार्रवाई में 210 अन्य घायल हुए।
विधानसभा में विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने नंदीग्राम ब्लॉक-2 के रेयापारा में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। उन्होंने कहा कि जब भाजपा समर्थक ट्रेन सेवाएं रोकने गये तो पुलिस ने मनकुंडू स्टेशन पर आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज भी किया।
श्री अधिकारी ने दावा किया कि बंद सफल रहा और लोगों ने इसका पूरे दिल से समर्थन किया है। उन्होंने कहा , “ममता बनर्जी, यह याद रखें, जितना अधिक आप बल प्रयोग करेंगी, उतना ही भाजपा आगे बढ़ेगी तथा आरजी कर के लिए न्याय और आपके इस्तीफे की मांग करेगी।”