बैंक से मिलीभगत कर 1.75 करोड़ का लिया लोन
एसटीएफ ने 9 आरोपियों को किया गिरफ्तार,10 फर्जी रजिस्ट्री जब्त, 6.5 लाख कराये होल्ड
जबलपुर। एसटीएफ की टीम ने फर्जी रजिस्ट्री से 1.75 करोड़ का लोन लेने वाले गिरोह के 9 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया हैं। लोन बैंक से मिलीभगत कर लिया जाता था। पकड़े गए गिरोह के सदस्यों से बैंक से 10 फर्जी रजिस्ट्री, 4 पेन कार्ड आधार कार्ड, नकली सील, आरोपियों के मोबाईल, फर्जी रजिस्ट्री बनाने में प्रयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गये। इसके अलावा एक्सेस बैंक में 6.5 लाख होल्ड करवाये गये। इस गिरोह द्वारा विभिन्न बैंकों से लगभग 1.75 करोड का लोन प्राप्त किया गया है।
जानकारी के मुताबिक एसटीएफ की जबलपुर इकाई से सुमित काले ने शिकायत की, कि एक गिरोह द्वारा बैंक में मिलीभगत कर उसकी जमीन की फर्जी रजिस्ट्री तैयार कर लाखों रुपए का लोन लिया गया है। जिस पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पंकज श्रीवास्तव द्वारा संगठित अपराध करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। जिस पर एसटीएफ जबलपुर एसपी राजेश सिंह भदौरिया और उ.पुअ. संतोष तिवारी के मार्गदर्शन में टीम का गठन किया गया। मामले की जांच निरीक्षक निकिता शुक्ला को सौंपी गई। जांच के दौरान टीम ने हिन्दुजा हाउसिंग फाइनेंस कम्पनी में सम्पर्क किया। वहां से रजिस्ट्री जब्त की गई। इन रजिस्टी की जांच कलेक्ट्रेट कार्यालय से कराई गई। जहां से इसकी पुष्टी हुई कि हिन्दुजा हाउसिंग फाइनेंस कंपनी द्वारा जिन रजिस्ट्री के आधार पर लोन दिया गया है, वह असल में सुमित काले के नाम पर हैं, लेकिन बैंक में गिरवी रखने के लिए उन्हें कूटरचित तरीके से तैयार किया गया है। मामले में एसटीएफ में विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया। एसटीएफ ने अपराध की जांच में विकास तिवारी को पकड़ा गया, तो इस पूरे गिरोह का भंडाफोड हुआ। विकास तिवारी लोगों को बैंकों से होम लोन दिलाने का काम करता था। विकास लोगों की असली रजिस्ट्री लेता था जिसके बाद यह रजिस्ट्री संदीप चौबे के जरिए अनीष के पास पहुंचती थी।
15 साल से कलेक्ट्रेट में दलाली कर रहा अनवर
जांच में यह बात सामने आई कि अनीष दस्तावेजों को कलेक्ट्रेट कार्यालय में 15 सालों से दलाली करने वाले अनवर के पास पहुंचाता था, अनवर द्वारा असली रजिस्ट्री लखनलाल के स्टूडियो लेकर जाता था जहां लखनलाल फोटोशॉप के माध्यम से फर्जी रजिस्ट्री तैयार करता था, इसके बाद अनवर उनमें उप पंजीयक की फर्जी सील लगाता। जिसके बाद सभी आरोपी मिलकर बैंकों में उक्त रजिस्ट्री को गिरवी रख लोन लेते थे।
बैंक मैनेजर और कर्मचारी भी शामिल
इस गिरोह में एक्सिस बैंक का पूर्व मैनेजर अनुभव दुबे भी शामिल था। अनुभव उक्त आरोपियों से मिलीभगत कर अपने बैंक में लोगों के नाम के फर्जी बैंक एकाउंट खोलता और इसी बैंक एकाउंट में फर्जी रजिस्ट्री पर दिए गए लोन की राशि आती थी। अनुभव दुबे ने भी प्रवीण काले की असल जमीन के फर्जी दस्तावेजो के आधार पर इंडिया सेल्टर हाउसिंग फायनेंस से लोन लिया था। गिरोह में बैंक का कर्मचारी पुनीत उर्फ राहुल पांडे भी शामिल था, जो अधिकारियों से मिलीभगत कर गिरोह की मदद करता था व जना बैंक से 6 फर्जी रजिस्ट्री पर लगभग 1 करोड का लोन लिया गया।
प्रवीण पांडे बनता था एकाउंट होल्डर
मामले की जांच में टीम ने प्रवीण पांडे उर्फ सोनू को पकड़ा। यह वह आरोपी है जिसे अलग-अलग नामों से बैंक में पेश कर फर्जी बैंक एकाउंट खुलवाया जाता था। आरोपी ने सुमित काले और शेख सलीम बनकर बैंक एकाउंट खुलवाए थे। जिसमें फर्जी आधार कार्ड और पेनकार्ड का उपयोग किया गया था।
इन्हें किया गया गिरफ्तार
मामले मेें विकास तिवारी पिता सुनील तिवारी 30 वर्ष निवासी आजाद नगर, गोकलपुर, संदीप चौबे पिता अशोक कुमार चौबे 34 वर्ष निवासी जीएनपुर मार्केट, ग्राम धनछुला जिला आजमगढ उप्र, मोहम्मद अनीस अहमद पिता मो इदरीश 38 वर्ष निवासी अनमोल सिटी खमरिया, अनवर ऊर्फ अन्नू पिता मोहम्मद हनीफ 49 वर्ष, निवासी हनुमानताल, प्रवीण पाण्डेय पिता एसपी पाण्डेय 41 वर्ष निवासी व्ही.एफ.जे. स्टेट, गंगा मईया, लकी उर्फ लखन प्रजापति पिता स्व. प्रेमलाल प्रजापति 34 वर्ष निवासी लालमाटी, घमापुर, राजेश डहेरिया पिता रामचरण डहेरिया 37 वर्ष निवासी धनवंतरी नगर, अनुभव दुबे पिता अरविंद कुमार दुबे 27 वर्ष निवासी दत्त टाउन शिप, तिलहरी, पुनीत उर्फ राहुल पाण्डेय पिता बाबू लाल पाण्डेय 31 वर्ष निवासी पुलिस लाईन काँचघर कुंछबंधिया मौहल्ला थाना घमापुर जबलपुर को पकड़ा गया।