माध्यमिक शाला कछपुरा गढ़ा के हाल बेहाल, नगर निगम सजा रहा अपने वाहन
जबलपुर: सरकारीस्कूलों के बदहाली के किस्से तो कई बार सुने होंगे लेकिन क्या कभी आपने यह सुना है की माध्यमिक शाला में ही शासकीय कॉलेज का संचालन किया जा रहा हो। एक ओर सरकार ने पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों के विकास के लिए खेल को अनिवार्य रूप से लागू किया है। वहीं सरकारी स्कूलों में खेलने की जगह को ही कचरा घर बना दिया गया है। इसकी तस्वीर एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला कछपुरा गढ़ा में देखने को मिली। जहां जानकरो की माने तो चौराहे पर बनी इस शाला में पी एस कछपुरा एक और दो को मिला दिया गया है वही बारह कमरों की शाला में, दो कमरों में शासकीय कॉलेज गढ़ा को संचालित किया जा रहा है। जिसके चलते छोटे बच्चों को प्रार्थना करते और खेलते समय काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है।
प्यून तक नहीं है
माध्यमिक शाला की प्राचार्य की माने तो शाला में प्यून एवं अन्य स्टाफ भी मौजूद नहीं है। जिनका कार्य भी टीचरों और स्टाफ को ही करना पड़ता है। इस शाला में खेल मैदान भी नहीं है और जो मैदान है भी उसे कचरे घर ने तब्दील कर दिया जाता है। यहां तक कि बच्चों को प्रशिक्षित करने के लिए स्कूल में खेल शिक्षक भी नहीं हैं। इसके चलते खेल के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने से बच्चे पीछे छूट रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने शहरी स्कूलों में ही खेल शिक्षक की नियुक्त की है।
असामाजिक तत्वों का डेरा
नवभारत द्वारा जब सरकारी स्कूल का निरीक्षण किया गया तो कई ऐसी जानकारी मिलीं जो सरकारी स्कलों में अव्यवस्थाओं की कहानी बया कर रही थीं। जानकारों ने बताया कि असामाजिक तत्वों द्वारा स्कूल की बाउंड्री वॉल फांदकर अंदर दाखिल हो जाते है एवं असामाजिक कार्यों को अंजाम भी देते हैं। यही नहीं स्कूल के स्टाफ द्वारा यह भी बताया गया कि बगल में स्थित निगम का कार्यालय अपने सारे वाहन एवं कचरे की ट्राली स्कूल के मुख्य द्वार पर ही सजा देता है।
इनका कहना है
आपके द्वारा हमें यह जानकारी प्राप्त हुई है। मेरे द्वारा उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखा जाएगा एवं इस पर एक्शन लिया जाएगा।
प्राचीश जैन, संयुक्त संचालक
शाला के शौचालयों की सफाई हम कर्मचारियों को बुला कर करवाते है। नगर निगम द्वारा अपने वाहन स्कूल के गेट के सामने लगा दिए जाते है। जिससे परेशानी होती है।
एम तिवारी, प्राचार्य, एकीकृत शा. मा. शाला कछपुरा
यह स्कूल 12वीं क्लास तक नहीं लगाया जा रहा है। आपको ज्यादा जानकारी बीआरसी दे पाएंगे।
घनश्याम सोनी, जिला शिक्षा अधिकारी, जबलपुर
मिड डे मील के तहत हमें भोजन मिल रहा है एवं टीचर भी अच्छे से पढ़ते हैं।
वीरेंद्र सेन, छात्र
स्कूल में जो मैदान है उसी में खेल लेते हैं पढ़ाई-लिखाई अच्छे से होती है।
समीक्षा झरिया, छात्रा