- वरिष्ठ मंत्रियों को दरकिनार : कांग्रेस, सिर्फ आरोप लगाने का रह गया काम : भाजपा
नवभारत प्रतिनिधि भोपाल, 13 अगस्त. मध्यप्रदेश में मंत्रियों को जिले के प्रभार दिए जाने पर सियासती बयानबाजी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने बीजेपी पर कांग्रेस से गए मंत्रियों को ज्यादा तव्वजों और बड़े जिले देने का आरोप लगाया है, तो भाजपा ने इन आरोपों पर पलटवार करते कहा कि कांग्रेस के पास कुछ कामधाम तो है नहीं, अब सिर्फ आरोप लगाने का काम रह गया है.
उल्लेखनीय है कि बीती देर रात मोहन सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों के लिए प्रभारी मंत्रियों की सूची जारी की थी. इस पर मंगलवार को तंज कसते हुए कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि प्रभार देने में बड़े जिलों से वरिष्ठ मंत्रियों को दरकिनार कर दिया गया है. यह सब बीजेपी के इंटरनल पॉलिटिक्स के कारण हुआ है. पूर्व कांग्रेसियों को ज्यादा महत्व मिला है. पुराने भाजपाइयों को प्रभारी मंत्रियों की लिस्ट में जगह नहीं मिली है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने करीबी मंत्रियों को अपने प्रभाव वाले जिले का प्रभारी बनाया है. इसी तरह सीएम डॉ मोहन यादव ने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय पर नकेल कसने के लिए खुद के पास इंदौर का प्रभार रखा है. त्रिपाठी ने कहा कि केवल झंडा वंदन में ही प्रभारी मंत्री ना लगे रहे, बल्कि लंबे समय बाद प्रभार मिले हैं, तो जनता के बीच रहे और काम करें.
वही भाजपा प्रवक्ता डॉ सनवर पटेल ने कहा कि सभी मंत्री अपने-अपने जिलों में जनता की बेहतरी के लिए काम करेंगे. मध्यप्रदेश सरकार में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं. प्रभारी मंत्रियों के नियुक्ति के बाद विकास कार्यो में और तेजी आएगी. पटेल ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस का काम तो केवल आरोप लगाना है, जबकि भाजपा का केवल एक उद्देश्य जनता का विकास करना है.