निगेटिव को पॉजिटिव रिपोर्ट बनाने का चल रहा खेल

निजी पैथोलॉजी संचालकों ने स्वाइन फ्लू को बनाया कमाई का जरिया  
प्राइवेट पैथोलॉजीमें पॉजिटिव, मेडिकल में रिपोर्ट   नेगेटिव
जबलपुर: चाहे कोरोना हो या शहर में फैलने वाली अन्य बीमारी, इन सभी बीमारियों द्वारा निजी पैथोलॉजी सेंटर ने हमेशा से ही कमाई करने का जरिया सोच रखा है। इसी क्रम में हाल ही में जिले के अंदर स्वाइन फ्लू के कुछ मरीज से सामने आए थे, हालांकि इसके मरीजों की संख्या में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है और स्थिति भी नियंत्रण में है। परंतु उसके बावजूद भी निजी पैथोलॉजी  वाले सर्दी- खांसी और बीमारी के मरीजों का टेस्ट करके उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव बता रहे हैं। इसके विपरीत जब उन्हीं सैंपल को मेडिकल में भेजा जा रहा हैं तो वह नेगेटिव निकल रहे हैं। जिससे यह साफ दिख रहा है कि इस बीमारी का भी निजी संस्थान फायदा उठाकर अपने कमाई करने का जरिया बन रहा है।
हर मरीज की स्वाइन फ्लू की जांच  
बदलते हुए मौसम के बाद इन दिनों शहर में सर्दी- खांसी,वायरस बुखार के मरीज सामने आ रहे हैं। जिसकी चलते सभी निजी डॉक्टर, पैथोलॉजी सेंटर में भीड़ देखने को मिल रही है। वहीं कुछ निजी डॉक्टर के द्वारा मरीजों को स्वाइन फ्लू की जांच लिख दी जा रही है। जिसमें प्राइवेट रूप से स्वाइन फ्लू की जांच काफी महंगी होती है, इसी का फायदा उठाकर पैथोलॉजी सेंटर से डॉक्टर लोगों का अच्छा खासा कमीशन बना रहता है। जिसके चलते इस स्वाइन फ्लू बीमारी को भी डॉक्टरों ने कमाई करने का जरिया बना लिया है।
स्थिति नियंत्रण में, नहीं आ रहे सैंपल पॉजिटिव
जानकारी के अनुसार पिछले दो दिनों में जितनी भी रिपोर्ट मेडिकल अस्पताल में पहुंचाई गई हैं वह सभी नेगेटिव ही मिल रही हैं। नॉर्मल सर्दी- खांसी, बुखार के पेशेंट हमेशा से ही इस बदलते मौसम में सामने आ रहे हैं। जिनमें से कुछ ज्यादा ही होने पर उनकी स्वाइन फ्लू का भी टेस्ट करवाया गया है। जिनके सैंपल मेडिकल अस्पताल भेजे गए थे,परंतु भेजे गए सैंपल में कोई भी पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं आई है। जिससे यह साफ है कि स्वाइन फ्लू में अभी शहर में काफी नियंत्रण है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय मिश्रा ने लोगों को सतर्क और सुरक्षित रहने की सलाह दी है, जिससे आगे इन मरीजों में इजाफा न होने पाए।
इनका कहना है
प्राइवेट अस्पताल में जिन मरीजों की रिपोर्ट में पॉजिटिव आती है, उनके सैंपल आईसीएमआर रिपोर्ट के साथ मेडिकल अस्पताल में भेजे जाते हैं और मेडिकल की रिपोर्ट को ही सत्य माना जाता है। परंतु जितने भी सैंपल अभी मेडिकल में भेजे गए थे, वह सभी नेगेटिव आए हैं।
डॉ संजय मिश्रा, सीएमएचओ

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