पेरिस 03 अगस्त (वार्ता) भारतीय महिला मुक्केबाज निकहत जरीन ने कहा है कि उनके ओलंपिक सपने का अंत उम्मीद के मुताबिक नहीं हुआ है।
भारतीय मुक्केबाज निकहत ने पेरिस ओलंपिक 2024 में पर्दापण किया था। 28 वर्षीय मुक्केबाज प्री-क्वार्टरफाइनल में चीन की मौजूदा एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता वू यू से हार गईं।
उन्होंने कहा ”बहुत समय से संजोए मेरे ओलंपिक सपने का अंत मेरी उम्मीद के मुताबिक नहीं हुआ। घंटों की मेहनत, त्याग और दृढ़ इच्छाशक्ति के बाद भी यह पल मेरे हाथ से फिसल गया। यह हार मेरे लिए अब तक की सबसे मुश्किल है मेरे लिए यह बहुत गहरा घाव है और सहन करना लगभग असंभव है। मेरा दिल टूटा हुआ है, लेकिन अधूरा नहीं। मैं इसे शांति से स्वीकार करती हूं और आगे बढ़ने की पूरी कोशिश करूंगी।”
जरीन ने कहा ”ओलंपिक पदक जीतना मेरा सबसे बड़ा सपना था और मैं इसे पाने के लिए पूरी ताकत से लड़ी। पेरिस 2024 की यात्रा चुनौतियों से भरी रही। एक साल की चोट से लड़ना, अपनी जगह वापस पाने के लिए संघर्ष करना, प्रतिस्पर्धा करने के अवसर के लिए लड़ना और इस वैश्विक मंच पर हमारे देश का प्रतिनिधित्व करने के मौके के लिए अनगिनत बाधाओं को पार करना शामिल था।”
उन्होंने कहा मैं अपने सपने को पूरा करने के मौके के लिए बहुत आभारी हूं लेकिन किस्मत में कुछ और ही लिखा था। पेरिस में इसे हासिल न कर पाना बहुत दुखद है। काश मैं समय को पीछे मोड़ सकती और एक अलग नतीजे के लिए और भी मेहनत कर सकती लेकिन यह सिर्फ एक इच्छा ही रह जाएगी।
निकहत ने कहा ”मैं वादा करती हूं कि यह अंत नहीं है। मैं वापस घर जाकर अपना मन शांत करूंगी। मेरे लिए यह सपना अभी भी जिंदा है और मैं इसे नए जोश के साथ पूरा करने की कोशिश करूंगी। यह अलविदा नहीं है बल्कि वापस लौटने और ज़्यादा मेहनत करने और आप सभी को गर्व करने का वादा है।”
”मेरे साथ खड़े रहने के लिए धन्यवाद। सफर जारी है।”