नयी दिल्ली, 02 अगस्त (वार्ता) सरकार ने कहा है कि देश में कुछ विशेष प्रकार के विमानों के लिए कमांडरों की कुछ कमी जरूर है जिसको विदेशी पायलटों के जरिए पूरा किया जा रहा है पर कुल मिलाकर देश में विमानन सेवाओं के लिए लाइसेंसधारक वाणिज्यक पायलटों की कोई कमी नहीं है।
उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहल ने लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि कुछ खास प्रकार के विमानों के कमांडरों की जिम्मेदारी के लिए जिन विदेशी पायलटों को अनुबंधित किया जाता है उनको “विदशी चलकदल के लिए अस्थायी अधिकार पत्र” (एफएटीए) जारी किए जाता है।
उन्होंने बताया कि 2019 से अब तक कामर्शियल पायलट के कुल 5710 लाइसेंस जारी किए गए है। इनमें 739 लाइसेंस इस वर्ष (17 जुलाई तक) जारी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि देश में पायलट/विमान चालक दल के लिए लोगों की कोई कमी नहीं है।
उन्होंने यह भी बताया कि एयर इंडिया समूह, इंडिगो और आकासा एयरलाइन ने 2017 से अब तक विभिन्न प्रकार के कुल1976 विमानों की खरीद के आर्डर दे रखे हैं और इनमें से 324 विमानों का आयात हो चुका है। इन एयरलाइनों की इन विमानों को चरणबद्ध तरीके से 2032 तक बेड़े में शामिल करने की योजना है।