गौ वन्य विहार गौवंश को आश्रय देने के साथ रोजगार के अवसर देगा: उप मुख्यमंत्री

गौ वन्य विहार के गौ सेवकों का मानदेय एक हजार रुपए बढ़ाएं: उप मुख्यमंत्री

नवभारत न्यूज

रीवा, 2 अगस्त, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बसामन मामा गौ वन्य विहार अभ्यारण्य की यज्ञशाला में आयोजित बैठक में वन्य विहार के विकास कार्यों की समीक्षा की. बैठक में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ माता पवित्रता की पराकाष्ठा होती है. गाय ही एक मात्र ऐसी जीव है जिसके गोबर और गोमूत्र का उपयोग पूजा में किया जाता है. इस पूरे क्षेत्र में गौ माता के आशीर्वाद से ही विकास के कई बड़े कार्य पूरे हुए हैं. बसामन मामा गौ वन्य विहार प्रोजेक्ट प्रदेश में अपनी तरह की अनूठी परियोजना है. गौमाता के आशीर्वाद से यह परियोजना सफल होकर निराश्रित गौवंश को आश्रय देने के लिए पूरे देश का मार्ग प्रशस्त करेगी. इस गौ वन्य विहार में गौवंश को आश्रय देने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर पैदा किए जाएंगे. गौ वन्य विहार को गोबर गैस और सोलर प्लांट के माध्यम से ग्रीन एनर्जी का सेंटर बनाएंगे.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ वन्य विहार में छ: हजार से अधिक गौवंश को आश्रय दिया गया है. संयुक्त संचालक पशुपालन वन्य विहार में कार्यरत गौ सेवकों का मानदेय एक हजार रुपए प्रतिमाह बढ़ाएं. गौशाला के गोबर से कम्प्रेस्ट गोबर गैस बनाकर नगर निगम को सप्लाई करें. इससे नगर निगम के वाहन चलाए जाएंगे. गौशाला के सभी शेडों में सोलर सिस्टम स्थापित करके सौर ऊर्जा का उत्पादन कराएं. गोबर गैस और सौर ऊर्जा से वन्य विहार को अच्छी आय होगी. गौशाला के गोबर से गुणकारी खाद, गोनाइल तथा अन्य उत्पाद बनाकर भी अतिरिक्त आय प्राप्त करें. इससे गौशाला से जुड़ स्वसहायता समूहों को स्वरोजगार के अवसर मिलने के साथ गौशाला को अतिरिक्त आय होगी. बसामन मामा गौ वन्य विहार पूरे देश के लिए मॉडल बनेगा. जिले में गंगेव विकासखण्ड के हिनौती में भी 1300 एकड़ में वन्य विहार के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है. यहाँ लगभग 50 हजार गौवंश को आश्रय मिलेगा. बैठक में मुख्यमंत्री ने पेयजल व्यवस्था, सौर ऊर्जा प्लांट तथा गौशाला के प्रशासनिक भवन का निर्माण कार्य एक माह में पूरा कराने के निर्देश दिए. बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री ने गौ माता की पूजा कर गौ ग्रास खिलाया. उप मुख्यमंत्री ने एक पेड़ माँ के नाम अभियान में पौधे रोपित किए.

बैठक में पूर्व विधायक केपी त्रिपाठी ने कहा कि 54 एकड़ के पथरीले और उजाड़ भूखण्ड में बसामन मामा गौ वन्य विहार की आधारशिला रखी गई थी. कुछ ही समय में यहाँ जन भागीदारी, जन सहयोग तथा ग्रामीण विकास विभाग एवं वन विभाग के सहयोग से सुंदर वन्य विहार का विकास तेजी से किया जा रहा है. यहाँ जन भागीदारी से 6 करोड़ रुपए से अधिक के निर्माण कार्य कराए जा चुके हैं. गौशाला के निर्माण के साथ यहाँ स्टॉप डैम और तालाबों का निर्माण भी कराया गया जिससे इस वर्ष पानी का कोई संकट नहीं रहा. वन्य विहार की गौमाताओं के आशीर्वाद से ही पुर्वा प्रपात में विकास के कार्य, सडक़ तथा पुल का निर्माण कराया गया. बैठक में विधायक प्रतिनिधि राजेश पाण्डेय ने रीवा दुग्ध संघ के गठन तथा दुग्ध सहकारी समितियों को सशक्त कर दूध का संग्रहण बढ़ाने का सुझाव दिया.

बैठक में वनमण्डलाधिकारी अनुपम शर्मा ने बताया कि गौशाला के समीप ही सात एकड़ क्षेत्र में पाँच हजार पौधे गत वर्ष रोपित किए गए थे. इनमें जो पौधे सूख गए थे उनके स्थान पर नए पौधे रोपित किए गए हैं. गौशाला के अंदर भी वन विभाग ने एक हजार पौधे विभिन्न वर्षों में लगाए हैं जिसके कारण पूरा परिसर हरा-भरा हो गया है. गौ वन्य विहार के चारों ओर 2400 मीटर में बाँस का रोपण करके ग्रीन फेंसिंग की जाएगी. बैठक में कमिश्नर बीएस जामोद, आईजी एमएस सिकरवार, कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल, डी.आई.जी. एसपी पाण्डेय जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ सौरभ सोनवड़े, एसडीएम आरके सिन्हा, संयुक्त संचालक पशुपालन डॉ राजेश मिश्रा, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे.

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