० मामला धौहनी विधानसभा क्षेत्र के कुसमी जनपद अंतर्गत डेवा पंचायत के बडक़ाडोल-दुबरी मार्ग में बनी पुलिया का, पुलिया टूटने से कई गांवों का आवागमन प्रभावित होने से क्षेत्रवासियों में आक्रोश
कृपाशंकर तिवारी/संतोष तिवारी
सीधी/कुसमी 26 जुलाई। आरईएस विभाग का कमाल यह है कि लाखों की लागत से निर्मित कराई गई पुलिया 2 माह में ही पहली बरसात में धरासाई हो गई। ऐसे में पुलिया की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। मामला धौंहनी विधानसभा क्षेत्र के कुसमी जनपद पंचायत अंतर्गत डेवा पंचायत के बडक़ाडोल-दुबरी मार्ग में नवनिर्मित पुलिया का सामने आया है।
एक तरफ ग्रामीणों की सुविधा के लिए आवागवन के नाम पर सडक़ एवं पुलिया निर्माण के लिए करोड़ों रुपए का बजट स्वीकृत कराया जाता है। वहीं दूसरी तरफ निर्माण कार्य करने की जिम्मेदारी जिसको दी जाती है वह गुणवत्तापूर्ण कार्य करने की बजाय घटिया कार्य करा देती है। ऐसा ही मामला कुसमी विकासखण्ड के दूरांचल वनांचल का सामने आया है। यहां डेवा पंचायत के बडक़ाडोल-दुबरी मार्ग में 2 महीन पहले पुलिया का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया था। लाखों रुपए की लागत से बनी पुलिया पहली ही बरसात के पानी मे धराशाई हो गई और लगभग एक दर्जन गांवों के लोगों के समक्ष फिर से आवागमन का संकट गंभीर रूप से निर्मित हो गया है। पहली बरसात में ही पूर्व की तरह करीब एक दर्जन गांवों का आवागमन पुल गिर जाने से बाधित होने के कारण लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है। बताया गया है कि पुलिया के निर्माण से पूर्व कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग सीधी के द्वारा मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक संजय टाइगर रिजर्व सीधी को निर्माण कार्य के संबंध में 10 अक्टूबर 2023 को पत्र जारी किया था जिसके अनुसार बडक़ाडोल से दुबरी मार्ग विकासखंड कुसमी के लिए 1 करोड़ 3 लाख 78 हजार रूपये निर्माण कार्य के लिए स्वीकृत किए गए हैं जिसका प्रोजेक्ट कॉस्ट 5 लाख 18 हजार 900 रूपये विभाग में जमा करना था। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिया की लागत भी लगभग 50 लाख रुपए से अधिक की ही होगी।
उक्त सडक़ में चिनगवाह से डेवा के बीच कोडमार नदी में जून 2024 में पुलिया का निर्माण के लिए ग्रामीण यांत्रिकी विभाग को निर्माण एजेंसी बनाया गया था जिनके द्वारा घटिया निर्माण कार्य कराया गया है। जिसमें लगभग 50 लाख से अधिक रुपए की स्टीमेट के तहत पुलिया निर्माण कराया गया था लेकिन निर्माण कार्य के दो माह बाद ही पुलिया का धरासाई हो जाना अपने आप साबित करता है कि ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा मनमानीपूर्वक एवं गुणवत्ताहीन कार्य किया गया है। जिस कारण नवनिर्मित पुलिया पहली ही बरसात में धरासाई हो गई। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि जिन ग्रामीणों के सुविधा के लिए एक करोड़ से ज्यादा की राशि स्वीकृत की गई उनके हितों में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग सीधी द्वारा कुठाराघात किया गया है जो निर्माण कार्य कराकर खुद तो मालामाल हो गये लेकिन ग्रामीणों का आवागमन पूर्व की भांति बाधित है। ऐसे में क्षेत्रीय ग्रामीणों ने विभाग के जिम्मेवारों पर सवाल उठा रहे हैं कि इस तरह घटिया निर्माण कार्य क्यों कराया जा रहा है जिससे पहली बरसात में ही लाखों रूपये की पुलिया धरासाई हो रही है। वहीं जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर व प्रदेश के मुख्यमंत्री से घटिया पुल निर्माण करने वालों पर कठोर कार्यवाही की मांग किये हैं।
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गुणवत्ता की अनदेखी करने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई: विपिन
युवा समाजसेवी संजय टाइगर रिजर्व सीधी विपिन पटेल विक्की बाबा ने कहा कि पुल के लिए हम लोगों ने काफी धरना प्रदर्शन किए था। विधानसभा चुनाव के पूर्व कई बार अनशन एवं आंदोलन किये, कई पंचायतों के गांव के आदिवासी वनवासी आम लोगों ने वोट का बहिष्कार किया, कलेक्ट्रेट घेराव किये, ज्ञापन सौंपे तब जाकर क्षेत्रीय विधायक द्वारा पुल की सौगात दी गई। पुल का काम आरईएस विभाग द्वारा कराया गया था जो काफी घटिया होने से 2 माह बाद ही पहली बारिश में धरासाई होकर बह गई। यह 12 गांव के ग्रामीण जनों के साथ सरासर अन्याय किया गया। घटिया पुल यह दर्शाता है कि आरईएस विभाग के अधिकारी ग्रामीण जनों के प्रति कितने चिंतित और संजीदा हैं। ऐसे लोगों पर अगर कार्यवाही नही हुई तो अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठेंगे।
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इनका कहना है
डेवा पंचायत के बडक़ाडोल-दुबरी मार्ग में बनी पुलिया पूरी तरह से सुरक्षित है। तेज बारिश में पुलिस का पीसीसी एप्रोच करीब 6 मीटर डैमेज हो गया है। उसका जल्द ही निर्माण करा दिया जायेगा।
इंजी.हिमांशु तिवारी, कार्यपालन यंत्री
आरईएस विभाग, सीधी
अभी मैं दवा कराने के लिये जिले से बाहर हूं। मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। वापस आने के बाद इस संबंध में दिखवाता हूं।
राकेश सिंह, उपयंत्री आरईएस कुसमी
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