-14,738 करोड़ रूपये का बजट आवंटन.
– सेफ्टी, कवच, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं यात्री सुविधाओं पर विशेष फोकस*
नवभारत प्रतिनिधि
भोपाल, 24 जुलाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मध्य प्रदेश को इस बार रेल बजट में बड़ी सौगात दी है.बजट में रेलवे के विकास के लिए रणनीति में बदलाव कर अधिकाधिक निवेश पर बल दिया है, जिससे रेलवे पर संरक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर, आधुनिकीकरण और यात्री सुविधाएं प्रमुख है.
यह जानकारी बुधवार को केंद्रीय रेल, मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डीआरएम आफिस भोपाल में आयोजित वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारवार्ता में दी.
उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में रेलवे को 2,62,200 करोड़ रूपए के बजट का प्रावधान किया गया है, जो अभी तक का सर्वाधिक है. रेलवे में संरक्षा को सुदृढ़ करने बजट में 108 हजार करोड़ रूपए का आंवटन किया है. उन्होंने कहा कि सरंक्षा सम्बंधित मदों पर 98 हजार करोड़ व्यय किया है.
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में रेल कार्य बहुत तेजी से हो रहे हैं. मध्य प्रदेश में 81 हजार करोड़ रूपए के निवेश प्रोजेक्ट्स पर कार्य चल रहा है. मध्य प्रदेश में 100 प्रतिशत रेल लाइनों को विद्युतीकरण हो गया है। 80 रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकसित हो रहा है. मध्य प्रदेश में रेलवे ट्रैक पर 1062 फ्लाईओवर और रोड अण्डर ब्रिज का निर्माण किया है.
रेलवे बजट प्रेस कॉन्फ्रेंस में पश्चिम मध्य रेल की महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय एवं अपर महाप्रबंधक आरएस सक्सेना मुख्यालय सभागार में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल जुड़े. महाप्रबंधक ने पत्रकारों को बताया कि मध्य प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर कार्यों के लिए पर्याप्त बजट प्रदान किया गया है, एवं समस्त कार्यो को तीव्र गति से पूर्ण किया जा रहा है.
बॉक्स – संरक्षा के लिए कवच 4.0 वर्जन तैयार
रेलमंत्री वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे पर कवच प्रणाली से संबंधित कार्यों को पूरा कर लिया गया है. आरडीएसओ ने कवच 4.0 वर्जन को अंतिम रूप दिया है. अब इस अत्यानुधिक कवच प्रणाली को विभिन्न रेलमार्गों पर लगाए जाने की कार्ययोजना तैयार हो रही है. उन्होंने बताया कि कवच प्रणाली को स्थापित करने में आप्टिकल फाइबर केबल बिछाने, टावर लगाने, डेटा सेन्टर स्थापित करने और आरएफआईडी डिवाइस लगाने जैसे कार्य किए जाते है, जिससे इसमें समय लगता है. वर्तमान में भारतीय रेलवे पर लगभग 3000 किलोमीटर रेलमार्ग पर कवच प्रणाली लगाई जा चुकी है.
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