तालाब की सुन्दरता से पीएम मोदी हुये थे मुरीद
जबलपुर: शहर में कुल 52 छोटे बड़े तालाब मौजूद है इन्हीं में से एक संग्राम सागर है जिसके उद्घाटन के समय पीएम मोदी खुद इसके मुरीद हुये थे। ऐतिहासिक तालाब के बाजू में विकसित किये गये पैदल मार्ग और उद्यान अब देखरेख के अभाव में बदहाल होता जा रहा है। यह तालाब और उद्यान चारों ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है, जिसके कारण इस तालाब की खूबसूरती दुगनी हो जाती है। अंग्रेजों द्वारा इस तालाब को एयर कंडीशनर नाम की उपाधि भी दी गई थी। इस तालाब के पास उद्यान में खड़े होकर आम जन कूड़ा कचरा एवं प्लाटिक फेंक कर दूषित कर रहे हैं। क्षेत्र के रहवासियों द्वारा इस तालाब में कपड़े व बर्तन भी नियमित रूप से धोये जा रहे है। तालाब किनारे विकसित वॉकिंग ट्रैक एवं उद्यान में लगे पत्थर भी जगह -जगह से टूट रहे है। उद्यान में आने वाले आम जनों द्वारा खाने पीने की चीजों के पुड़े भी इधर -उधर फेंके जा रहे हैं।
धड़ल्ले से होती एंट्री
विश्वप्रसिद्ध तंत्रिक मंदिर बाजनामठ के पास मौजूद संग्राम सागर उद्यान मेें आने जाने आम जनों पर नजर रखने कोई जिम्मेदार मौजूद नहीं रहता है। शाम होते ही इस उद्यान के पास असामाजिक तत्वों का डेरा डल जाता है। जिसके चलते महिलाएं एवं बच्चे जाने में कतराते है। इसके साथ ही उद्यान की सीढिय़ों पर लगे पत्थर भी जगह जगह से धसक रहे है। प्रशासन को इस ऐतिहासिक धरोहर की देखरेख कर व्यवस्थाएं दुरूस्थ करना चाहिए।
इनका कहना है-
अक्सर इस उद्यान में खेलने आता हूं ज्यादा भीड़ भाड़ आम दिनों में नहीं रहती है। सिर्फ बच्चों की ही टोली खेलती नजर आती हैं।
कृष्णा महोबिया
तालाब की खूब सूरती देखने एवं मंदिर में दर्शन करने वाले श्रृद्धालु गण यहां खाना पीना लेकर आते हैं एवं कुछ देर बैठने के बाद चले जाते हैं।
अंकित बैन
हम लोग अक्सर सुबह के समय ही यहां खेलने आ जाते हैं। कई लोग वॉकिंग ट्रेक पर सैर करते हुये देखे जाते हैं। ज्यादातर परिवार वाले बच्चों को लेकर आते है।
अन्नू रैकवार