सतना:कटनी – बेला नेशनल हाइवे पर वाहन चालकों से अवैध वसूली का पुराना खेल एक बार फिर शुरू हो गया है। मप्र शासन की संस्थाओं के नाम से मिलते जुलते नाम की पर्ची और उसी तरह की सरकारी सी लगने वाली सील का इस्तेमाल कर यह वसूली कुछ निजी लोग कर रहे हैं जिनकी ढाल मैहर एसपी का एक आदेश बना हुआ है।
जानकारी के मुताबिक ,बेला – कटनी नेशनल हाइवे पर मैहर जिले के नादन देहात थाना के पास वाहनों से अवैध वसूली का खेल एक बार फिर शुरू हो गया है। नेशनल हाइवे पर ड्रम रख कर जिग जैक पॉइंट बनाए गए हैं जहां वाहनों को रोक कर उनमे रेडियम रिफ्लेक्टर चेक किये जा रहे हैं, उनके पॉल्युशन सर्टिफिकेट जांचे जा रहे हैं। जांच और रिफ्लेक्टर लगाने के नाम पर प्रत्येक वाहन से 5 सौ से 1 हजार रुपए तक की वसूली की जा रही है। यह कमाल यहां कर तो निजी लोग रहे हैं लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि उनका सहयोग पुलिस भी कर रही है। इन वसूलीबाजों के निशाने पर बड़े वाहन और उस पर दूसरे राज्यों की नंबर प्लेट वाले ट्रक हैं।
इस मार्ग से गुजरने के दौरान वसूलीबाजों की वसूली का शिकार हुए वाहन चालकों ने बताया कि वाहनों को रोक कर कहा जाता है कि जांच कराना और रेडियम रिफ्लेक्टर लगवाना अनिवार्य है। इसके लिए मैहर एसपी सुधीर अग्रवाल का एक आदेश भी दिखाया जाता है जो किसी धीरेंद्र सिंह राजावत बिरला नगर हजीरा ग्वालियर के नाम पर जारी किया गया है। सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक रूल्स के पालन का संदेश देती जो रसीद दी जा रही है उसमे ऊपर मोटे अक्षरों में मप्र परिवहन विभाग द्वारा जनहित में जारी लिखा गया है जबकि नीचे नेशनल हाइवे रिफ्लेक्टर्स आई केयर लिखा है। इस रसीद पर गोल सील भी लगाई जा रही है जिसमे नेशनल हाइवे शब्द का इस्तेमाल किया गया है।सरकारी संस्था से मिलते जुलते नाम की पर्ची और वैसी ही सील का इस्तेमाल कर रोजाना सैकड़ो वाहनों से वसूली की जा रही है। पुलिस भी वसूलीबाजों के साथ नजर आती है।
सवालों में मैहर एसपी का आदेश
ग्वालियर के धीरेंद्र सिंह राजावत के वसूलीबाज गुर्गे अपनी इस करतूत के पीछे मैहर एसपी सुधीर अग्रवाल के जिस आदेश का हवाला दे रहे हैं वह खुद सवालों के घेरे में है। यह आदेश एवं अनुमति गत 2 जुलाई को मैहर एसपी सुधीर कुमार अग्रवाल ने धीरेंद्र सिंह राजावत के पक्ष में रेडियम रिफ्लेक्टर, रेडियम टेप लाइन और हेड लाइट ब्लैक करने के लिए जारी किया है। इसमें शर्त भी लिखी गई है कि यह काम पुलिस की चेकिंग के दौरान ही किया जा सकता है और इस दौरान किसी भी प्रकार से यातायात बाधित नहीं होना चाहिए। यह काम स्वैच्छिक होगा और किसी से अवैध वसूली नहीं की जाएगी। इतना ही नहीं एसपी ने इस कार्य को एक माह में अभियान की तरह चला कर पूर्ण करने की रियायत भी वसूलीबाजों को दी।
जानकारों की मानें तो ऐसे आदेश या अनुमति किसी निजी संस्था अथवा व्यक्ति को नहीं दिए जा सकते। हाइवे पर चेकिंग कर रिफ्लेक्टर जांचना और उसके लिए पैसे वसूलना अवैध है। एनएच पर जिग्जैक पॉइंट भी निजी लोगों द्वारा नहीं बनाए जा सकते। इस संबंध में मैहर एसपी सुधीर अग्रवाल से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि वे अभी बाहर हैं ,इस पर बाद में बात करेंगे।
पहले भी हुआ था खेल –
बेला – कटनी नेशनल हाइवे पर इस तरह की वसूली का खेल कोई नया नहीं है। इसके पहले भी प्रदूषण जांच और रेडियम लाइट जांच की आड़ में यहां वसूलीबाजों की गैंग उस वक्त यहां बड़ा खेल कर चुकी है जब मैहर जिला सतना जिले के अंतर्गत था और सतना में इस वक्त मिथिलेश शुक्ला एसपी हुआ करते थे। हालांकि बाद में वसूलीबाजों को अपना बोरिया बिस्तर समेटना पड़ा था।
सोशल मीडिया में मिली सूचना पर अनुमति निरस्त:अग्रवाल
एसपी मैहर सुधीर अग्रवाल ने कहा कि अवैध वसूली और अनियमितता की शिकायत सोशल मीडिया के जरिये सामने आने के बाद अनुमति निरस्त कर दी गई है। उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा के लिहाज से यह अनुमति इसलिए दी गई थी ताकि रिफ्लेक्टर लगाने से हाइवे पर हादसों में कमी आ सके।