छात्रावास अधीक्षिका सविता को किया निलंबित
झाबुआ। स्थानीय शहीद चंद्रशेखर आजाद महाविद्यालय में बीए तृतीय वर्ष में अध्ययनरत् छात्रा रक्षा पिता गंवरसिंह चौपड़ा (पटलिया) 20 वर्ष नि. कंजावानी तह. रानापुर जिला झाबुआ गुरुवार को नवीन महाविद्यालय कन्या छात्रावास (रातीतलाई) झाबुआ में दुसरी मंजिल के रूम में उसका शव खूंटी पर फांसी पर लटका मिला। घटना की खबर मिलने के बाद परिजन छात्रावास पहुंचे, उन्होने हत्या का आरोप लगाते हुए वहां हंगामा भी किया। जिसके बाद गुरूवार रात को ही कलेक्टर नेहा मीना द्वारा उक्त घटना की मजिस्ट्रीयल जांच का आदेश जारी किये। इस संपूर्ण घटना की जांच हेतु एसएन दरों एसडीएम झाबुआ को नियुक्त किया गया है। अनुविभागीय दंडाधिकारी झाबुआ को जांच कर एक माह के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया है।
छात्रावास अधीक्षिका को किया निलंबित
सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग निशा मेहरा के पत्र की शिकायत के आधार पर संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास इंदौर ने नवीन महाविद्यालय कन्या छात्रावास अधीक्षिका सविता भूरिया को अपने कार्य में लापरवाही बरतने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। श्रीमती मेहरा ने संभागीय आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग तथा अनुसूचित जाति विकास शिकायत के आधार पर नवीन महाविद्यालय कन्या छात्रावास में छात्रा रक्षा गवरसिंह चौपाडा की आत्महत्या के दौरान छात्रावास अधीक्षिका लापरवाही बरतने पर और अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन ढंग से नही किया गया जाकर गंभीर लापरवाही बरती जाना पाया गया जो एक पृथम दृष्टया दोषी पाई गई। साथ ही अधीक्षिका श्रीमती भूरिया द्वारा गंभीर लापरवाही बरतने एंव समय-समय पर शासन स्तर एंव वरिष्ठ के आदेशो, निर्देशो का पालन नही करने, शासन एंव विभाग द्वारा छात्रावास संचालन में निर्धारित दिशा निर्देशो का पालन नही करने से मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के प्रतिकूल होकर अनुशासनहीनता व कदाचरण का श्रेणी में आता है। इस आधार पर संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास इंदौर ने मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एंव अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत् सविता भूरिया अधीक्षिका मूल पद माध्यमिक शिक्षक नवीन महाविद्यालय कन्या छात्रावास झाबुआ जिला झाबुआ को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय खंड शिक्षा कार्यालय विकासखंड रामा जिला झाबुआ नियत किया जाता है निलंबन अवधि मंे इन्हे मूलभुत नियम 53 के तहत् विधिवत् जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। उक्त आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।