भोपाल, 22 मार्च (वार्ता) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कथित तौर पर आबकारी घोटाले में जेल जाने पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को ‘पद का मद’ हो गया है और एक मुख्यमंत्री के रूप में जेल जाने का मामला दुर्भाग्यपूर्ण है।
डॉ यादव ने अपने बयान में कहा कि देश का इतिहास है कि जब किसी पर कोई आरोप लगता है तो वो सबसे पहले अपना इस्तीफा देता है।
जब तक आरोप से बरी ना हो जाए, तब तक वो अपना दायित्व नहीं लेता।
श्री लाल बहादुर शास्त्री से लेकर श्री लालकृष्ण आडवाणी तक किसी ने अपना दायित्व नहीं लिया।
जब उप प्रधानमंत्री श्री आडवाणी का एक डायरी में झूठा नाम आया था, तब उन्होंने तुरंत सभी पदों से इस्तीफा दिया था, यहां तक की सांसद पद तक से भी इस्तीफा दिया और अदालत का सामना किया।
इसके बाद ही ये तय हुआ कि वे पार्टी का चुनाव लड़े और बाद में पदाधिकारी हुए।
डॉ यादव ने कहा कि लोकतंत्र में अगर किसी के ऊपर उंगली उठ रही है और उसके ही पार्टी के दो-दो मंत्री इसी आरोप में जेल में बंद हैं, जिन्हें लगातार प्रयास करने के बाद भी कहीं से जमानत नहीं मिली।
इस मामले में जब श्री केजरीवाल के पास नौ बार समन गए, अदालत से कोई राहत नहीं मिली, तो ऐसे में स्वतः इस्तीफा देकर पहले अपने ऊपर लगे आरोप का सामना करते और बरी होने के बाद अपनी सरकार चलाते।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में जेल जाना बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है, आज तक कभी ऐसा समय नहीं आया।
उन्हें ‘पद का मद’ चढ़ रहा है।
इससे उन्हें बाहर आना चाहिए।