लोको पायलटों की समस्याओं से रू-ब-रू हुए राहुल

नयी दिल्ली, 05 जुलाई (वार्ता) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने देश की जीवन रेखा कही जाने वाली भारतीय रेलों के लोको पायलटों से यहां रेलवे स्टेशन पर मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी और आश्वासन दिया कि वह उनकी दिक्कतों को बराबर उठाते रहेंगे।

श्री गांधी उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक सत्संग के दौरान भगदड़ में मारे गये लोगों के परिजनों से मिलने के बाद यहां नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे और लोको पायलटों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनी। इस दौरान करीब 50 लोको पायलटों ने उनसे मुलाकत की और अपनी समस्याएं बताते हुए कहा कि उनके पास आराम का समय नहीं होता है। लंबी दूरी तक रेल गाड़ियाँ चलाते हुए बीच में उन्हें कई बार पर्याप्त ब्रेक नहीं मिलता और ड्यूटी पर लगा दिया जाता है। इससे अत्यधिक तनाव होता है और एकाग्रता में कमी आती है जो रेल दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है। विशाखापत्तनम में हाल में हुई रेल दुर्घटना की जांच सहित कई रिपोर्टों में खुद रेलवे ने यह स्वीकार किया है।

लोको पायलटों ने श्री गांधी को बताया कि उन्हें सप्ताह में 46 घंटे का आराम मिलना चाहिए और यह प्रावधान रेलवे अधिनियम 1989 और अन्य नियमों में भी है लेकिन इसे लागू नहीं किया जा रहा है। हवाई जहाज के पायलटों को भी आम तौर पर इतनी ही छूट मिलती है। उन्होंने श्री गांधी को बताया कि लगातार दो रात ड्यूटी करने के बाद उन्हें एक रात का आराम और रेल गाड़ियों में बुनियादी सुविधाएं मिलनी चाहिए।

श्री गांधी ने आराम नहीं मिलने को रेलवे की बड़ी समस्या बताया और कहा कि यह दिक्कत इसलिए आती है कि सरकार लोको पायलटों की भर्ती नहीं कर रही है जिसके कर्मचारियों की कमी हो गई है। पिछले चार वर्षों में, रेलवे भर्ती बोर्ड ने हजारों रिक्तियों के बावजूद एक भी लोको पायलट की भर्ती नहीं की है। पायलटों ने आशंका जताई कि यह जानबूझकर उठाया गया कदम मोदी सरकार की रेलवे का निजीकरण करने की योजना है।

उन्होंने लोको पायलटों के लिए पर्याप्त आराम को जरूरी बताया और कहा कि लोको पायलटों, रेलवे के निजीकरण और भर्ती की कमी का मुद्दा वह लगातार उठाते रहेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार उनकी बात सुनेगी और यदि उनकी मांग पूरी होती है तो इससे रेल दुर्घटनाओं में काफी कमी आएगी। लोको पायलटों को देश की जीवन रेखा तथा रेलवे की रीढ़ बताते हुए उन्होंने कहा कि उनके जीवन को सरल और सुरक्षित करना रेलवे सुरक्षा की ओर हमारा एक मजबूत कदम होगा।

Next Post

राष्ट्रपति ने 36 जांबाजों को वीरता पदकों से सम्मानित किया

Fri Jul 5 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email नयी दिल्ली 05 जुलाई (वार्ता) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए सशस्त्र बलों, केन्द्रीय पुलिस बलों और राज्य पुलिस बलों के सर्वोच्च बलिदान देने वाले 36 जांबाजों को बुधवार को यहां वीरता पदकों से […]

You May Like