भोपाल, 27 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत नलजल योजना के संचालन का कार्य महिला स्वसहायता समूहों को सौंपा जाए। मिशन के अंतर्गत बनी संरचनाओं के दीर्घकालीन संचालन के लिए ग्राम स्तर पर भू-जल भण्डारण की क्षमता बढ़ाने की गतिविधियां चलाना आवश्यक है, इसके लिए ग्राम स्तर पर जनजागृति अभियान चलाकर जनभागीदारी को प्रोत्साहित किया जाए।
डॉ. यादव मंत्रालय में जल जीवन मिशन की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा,मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवातव, राजेश राजौरा, जे एन कंसोटिया, प्रमुख सचिव मनीष सिंह तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 63 प्रतिशत से अधिक घरों को नल से जल उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश के समस्त ग्रामीण परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य तेजी से जारी है। जिन क्षेत्रों में कठिनाई आ रही है वहां कठिनाईयों और विसंगतियों को व्यावहारिक रूप से दूर करते हुए मध्यप्रदेश को हर घर नल से जल उपलब्ध कराने में देश में मॉडल राज्य के रूप में प्रस्तुत करने के लिए हर स्तर पर कार्य हो। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन की गतिविधियों को त्वरित और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूर्ण करने वाले विधानसभा क्षेत्रों, जिलों, जनपद, ग्राम पंचायत आदि को पुरस्कृत किया जाए।
डॉ. यादव ने कहा कि गावों में आम जन को पीने का पानी सरलता से उपलब्ध कराने के लिए प्याऊ लगाने, पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था करने और छायादार स्थान बनाने के लिए सामाजिक पहल को प्रोत्साहित किया जाए। पानी के मितव्ययी उपयोग और पाइप आदि के संधारण में सभी ग्रामवासी सतर्कता और जागरूकता के साथ अपना योगदान दें। बैठक में बताया गया कि प्रदेश के कुल एक करोड़ 11 लाख 82 हजार 86 ग्रामीण परिवारों में से 70 लाख 72 हजार 875 परिवारों को जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल से जल उपलब्ध कराया जा रहा है।