छायादार, फलदार एवं धार्मिक रीति के 21 हजार पौधे वितरण के लिए तैयार

तीन लहर से निर्मित 50 हजार सीड बाल का निर्माण हुआ पूरा
वितरण के लिए बारिश का इंतजार कर रहा सामाजिक महासंघ

झाबुआ: झाबुआ में लगातार स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, धर्म जागरण, जन जागरण, सामाजिक समरसता एवं झाबुआ ओलंपिक जैसे बड़े आयोजनो को सफलता पूर्वक अमलीजामा पहनाने वाला सामाजिक महासंघ इस वर्ष वर्षा काल में 21 हजार पौधे वितरण के लिए मंगवा चुका है एवं साथ ही 50 हजार सीड बाल का निर्माण भी पूर्ण हो चुका है। पहली बारिश होते ही इसके वितरण अभियान की शुरुआत कर दी जाएगी। शहर एवं ग्रामीणजन इन पौधों और सीड बाल को ले जाकर अपने-अपने निर्धारित स्थानों पर इनका रोपण करेंगे।

पर्यावरण को शुद्ध करने की मंशा से इस बार 21 हजार फलदार, धार्मिक रीति रिवाज वाले पौधे एवं छायादार पौधे जिले की विभिन्न नर्सरी से पैसा देकर मंगवाए गए हैं जिसका वितरण पूर्णतया नि:शुल्क किया जाएगा। सामाजिक महासंघ के अध्यक्ष डॉ नीरज राठौर एवं महासचिव उमंग सक्सेना ने बताया की पिछले 4 वर्षों से संगठन के माध्यम से पौधा वितरण महा अभियान चलाया जा रहा है। अभी तक 50 हजार पौधों का वितरण इन वर्षों में किया जा चुका है, इस वर्ष 21 हजार पौधों के वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। बारिश शुरू होते ही पौधों का वितरण किया जाएगा। साथ ही 50 हजार सीड बाल भी तैयार कर ली गई है जिनको झाबुआ के आसपास के गड्ढों, जंगलों एवं खेतों के किनारे सामाजिक संगठन द्वारा रोपित किया जाएगा।
झाबुआ बनगा हरियालीमय
सामाजिक महासंघ के राधेश्याम परमार ने बताया की पौधा वितरण कार्यक्रम के लिए पौधों को तीन भागों में बांटा गया है, जिसमें फलदार पौधों में आम, जाम, नींबू, अनार, सीताफल, सुरजाना की फली जैसे पौधे व छायादार पौधों में नीम, पीपल, बरगद, करंज एवं मीठा नीम जैसे प्रजाति के पौधे बड़ी संख्या में मंगवाए गए हैं। साथ ही धार्मिक कार्यों में काम आने वाले पौधों में बिलपत्र, शमी, अर्जुन भी वितरण के लिए मंगवाए गए हैं। जिससे आने वाले दिनों में झाबुआ हरियालीमय बन पाएगा।
उच्च तकनीक से बनाई 50 हजार सीड बाल
सामाजिक महासंघ के कमलेश पटेल ने बताया की इस बार उच्च तकनीक के सहयोग से 50 हजार सीड बाल का निर्माण कर लिया गया है, इसमें बीज के साथ गोबर मिलाकर सुखी मिट्टी का गोला बनाकर उस पर काली मिट्टी की घोल की परत चढ़ाई जा रही है जिससे कम बारिश में भी जमीन में गल कर यह बीज अंकुरित हो जाएंगे इन बीजों की खासियत यह है कि जब यह पौधों का रूप लेंगे तो उन्हें पशु कभी भी हानि नहीं पहुंचा पाएंगे।
लोगों की सोच में आ रहा है बदलाव
सामाजिक महासंघ के एमएस फुलपगारे ने बताया की पिछले 10 वर्षों में पर्यावरण के प्रति लोगों की सोच में जबरदस्त बदलाव आया है, अब सभी मिलकर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रहे हैं। महासंघ पिछले 4 वर्षों में 50 हजार पौधे वितरण कर चुका है जिसमें से 80 प्रतिशत पौधे वृक्ष का रूप ले रहे हैं। शहर एवं गांववासी पौधे ले जाते समय उसे बड़ा करने का जो संकल्प लेते हैं उसके सुखद परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। आमजन विशेष रुचि लेकर पौधा लगाने के बाद उसको बड़ा करने के फोटो भी फेसबुक को व्हाट्सएप ग्रुप में भेज कर पर्यावरण के प्रति अपनी जागरूकता का उदाहरण पेश कर रहे हैं।
साख संस्था ने किया 4 हजार पौधों का सहयोग
सामाजिक महासंघ के डॉ केके त्रिवेदी ने बताया की पौधा वितरण महाभियान के पूर्व शहर की अनेक सामाजिक संस्थाएं अपना-अपना योगदान प्रदान कर रही है। इस कड़ी में सकल व्यापारी सहकारी साख संस्था मर्यादित झाबुआ के अध्यक्ष राजेंद्र यादव एवं प्रबंधक मनीष रावत ने इस अभियान की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि जिले की हरित क्रांति में सामाजिक महासंघ झाबुआ का यह प्रयास मिल का पत्थर साबित होगा। साथ ही उन्होंने 50 हजार रुपए की लागत के 4 हजार पौधे लाकर वितरण अभियान में सम्मिलित करने की घोषणा की है। महासंघ का पौधा वितरण कार्यक्रम पहली बारिश के बाद शुरू हो जाएगा। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए राजकुमार देवल, मोहित पंडित, डॉ लोकेश दवे, नवीन पाठक, अशोक शर्मा, शरत शास्त्री, गणेश उपाध्याय, जयंत बैरागी, अरविंद व्यास, कैलाश सकलेचा, अब्दुल रहीम, शुभम राठौड़, शीतल जादौन, रितु सोडाणी, शैलू बाबेल, भारती सोनी, माधवी सोनी, हरिप्रिया निगम, मीना भार्गव जैसे अनेक पर्यावरण प्रेमी लोगों का सहयोग निरंतर मिल रहा है।

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