खतरे में बड़ा फुहारे का अस्तित्व

फुुहारा बंद, जहां देखो वहां कचरे का ढेर, चारों तरफ़ टूटे बैरिकेट  

 जबलपुर: शहर के हृदय स्थल कहे जाने वाले बड़े फुहारा का अस्तित्व दिन ब दिन खतरे में पड़ता जा रहा है। बड़े फुहारे के चारों तरफ अनैतिक गतिविधियां हो रही हैं। इसके अलावा यह कबाड़ का अड्डा भी बना हुआ है। जहां पर देखा जा रहा है कि यातायात विभाग के टूटे-फूटे बैरिकेट यहां पड़े हुए हैं। साथ ही यहां पर लोग कचरा और फिजूल का सामान रखने का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसके कारण पूरे बड़े फुहारे के चारों तरफ सिर्फ गंदगी ही नजऱ आती है। यहां तक की बड़ा फुहारा अब चालू होता हुआ भी नहीं दिखाई पड़ता है।

आचार संहिता लगने से हटे बैनर और होर्डिंग
बड़े फुहारे के चारों तरफ पोस्टर और होर्डिंग लगाकर इसे ढक दिया जाता है। देखा जाए तो शहर के जनप्रतिनिधि और अन्य लोगों के द्वारा ही बड़े फुहारे को अपने-अपने कार्यक्रमों का प्रचार- प्रसार करने का साधन समझ लिया है। जिसके कारण यहां रोजाना पोस्टर और बैनर लगते हैं। परिणामस्वरूप बड़ा फुहारा पूरी तरह से ढक जाता है। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रखते हुए जिले में आचार संहिता लागू हो गई है। जिसके कारण अभी बैनर- पोस्टर बड़े फुहारे से हटा दिए गए हैं। लेकिन उसके बाद दोबारा फिर से इसमें बैनर- पोस्टर लगा शुरू हो जाएंगे।

यातायात के टूटे बैरिकेट हो रहे कबाड़

त्योहारों में शहर के अंदर बंजारों की यातायात व्यवस्था को चौक- चौबंद करने के लिए यातायात विभाग द्वारा यहां बैरिकेट्स लगाए जाते हैं। लेकिन इन बैरिकेड का उपयोग होने के बाद यह इधर-उधर पड़े हुए दिखाई पड़ते हैं। इसी क्रम में बड़े फुहारा के चारों तरफ यातायात पुलिस के बेरिकेट रखे हुए हैं,जिसमें से कुछ बैरिकेट तो पूरी तरह से टूट चुके हैं ।जिस पर यातायात पुलिस द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है और यह बैरिकेट यहां रखे रखे कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं।
फुहारा अब नहीं होता चालू  
शहर के सबसे खूबसूरत और हृदय स्थल कहे जाने वाले बड़ा फुहारा स्वयं ही अब अपने स्वरूप में नहीं दिखाई देता है। खास तौर पर यह बड़ा फुहारा से नाम का फुहारा है,यह फुहारा कभी चालू होता है तो कभी बिल्कुल भी चालू नहीं होता है।पिछले 1 महीने से यह फुहारा ऐसे ही बंद पड़ा हुआ है, पहले तो बैनर पोस्टर की वजह से चालू होने के बावजूद भी यह दिखाई नहीं पड़ता था। परंतु अब बैनर पोस्टर भी हट चुके हैं,लेकिन पूरी भव्यता से बड़े फुहारे का स्वरूप लोगों को देखने नहीं मिलता है इसके कारण इसकी सुंदरता फीकी पड़ रही है

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