जाफर के भाजपा में जानें के मामले में बोलें जमील खान
छिंदवाड़ा/परासिया। कांग्रेस से हो रहा लगातार पलायन थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को कांग्रेस के नेता और प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रतिनिधि जनपद उपाध्यक्ष जमील खान के छोटे भाई जाफर ने भोपाल में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के समक्ष भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते हुए भाजपा का दामन थाम लिया। अपने छोटे भाई के भाजपा में जाने के त्वरित बाद कांग्रेस नेता जमील खान ने एक प्रेस वार्ता के माध्यम से अपनी आस्था कांग्रेस और कमलनाथ के प्रति व्यक्त करते हुए कहा कि सैयद जफर का भाजपा में जाने का फैसला उनका अपना व्यक्तिगत फैसला है। उनसे उनका कोई संबंध नहीं है। कांग्रेस से लगातार हो रहे पलायन के मामले में जमील खान ने कहा कि इससे आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को किसी प्रकार का कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कांग्रेस जनता के बीच जाकर भाजपा सरकार की नाकामियों और जिले के विकास में अपने योगदान को गिनाते हुए जनता से अपना आशीर्वाद मांगेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व से की भांति अपनी विजय पताका फेहरांगे। वहीं कांग्रेस से हो रहा है लगातार पलायन के मामले में जमील खान ने कहा कि इससे कांग्रेस को किसी प्रकार का कोई फर्क नहीं पड़ता। कांग्रेस ने लगातार जनता के लिए काम किया है जिसका परिणाम है कि कमलनाथ और नकुलनाथ लगातार जनता का विश्वास हासिल किए हुए हैं। विदित हो की सोमवार को प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता रहे सैयद जाफर ने भाजपा की सदस्य ग्रहण कर ली मामले को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई प्रकार की चर्चाएं चल रही है। माना यह भी जा रहा है कि आने वाले समय में कांग्रेस और भाजपा में जाने वालों की सूची काफी लंबी है जिसमें कांग्रेस के कई कद्यावर नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। इधर कांग्रेस में मची भगदड़ के बीच कांग्रेसी एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप से पीछे नहीं है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने बताया की कांग्रेस पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर बैठे नेताओं की जबाबदारी है की वे इस विषय में मंथन करे आखिरकार ऐसा क्या हो रहा है की कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो रहे है। पार्टी पदाधिकारी यदि अपने कार्यकर्ताओं को नहीं संभाल पा रहे हैं तो जिम्मेदार पद में बैठे लोगों को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हारे थे जाफर 0000000000
हाल ही में कांग्रेस छोड़ कर भाजपा का दामन थाम ने वाले जाफर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा नेता अरुण यदुवंशी से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गए थे। चुनाव हारने के उन्होंने छिंदवाड़ा छोड़ भोपाल में अपना बसेरा बना लिया। जाफर को विधायक सुनील ऊईके का करीबी माना जाता था लेकिन बताया जा रहा है कि बीते कुछ दिनों से दोनों के बीच अनबन चल रही हैं।