महाकाल मंदिर में पंडे पुजारियों का ड्रेस कोड और आई कार्ड अनिवार्य

उज्जैन:पद की जानकारी न नाम पता मालूम, बस जय श्री महाकाल के संबोधन से ही जिस मन्दिर में सबके काम बन जाते है, उसमें नियम कायदे ताक पर रख कुछ बाहरी तत्व ऐसे भी है जो अनाधिकृत लाभ प्राप्त कर रहे हैं. इससे मंदिर की गरिमा और नियमित पंडित पुजारी पुरोहितों की छवि पर विपरीत असर पड़ रहा है.

इससे निजात पाने के तहत अब नवाचार के दृष्टिकोण से आई कार्ड और ड्रेस कोड लागू करने की प्रक्रिया महाकाल मंदिर में प्रारंभ हो गई है.मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने इसकी रूपरेखा तैयार करना शुरू कर दिया है. इससे मंदिर में कार्यरत सभी वर्गों की पहचान स्पष्ट रहेगी और श्रद्धालुओं से होने वाली ठगी पर रोक लग सकेगी.

सफेद बनियान और लाल धोती से भ्रम
महाकाल मंदिर परिसर में अनेक बाहरी लोग सफेद बनियान, केसरिया या लाल धोती पहनकर स्वतंत्र रूप से घूमते रहते हैं. कई बार ऐसे लोग गर्भगृह तक पहुंच जाते हैं और जल चढ़ाने तथा पूजा कराने जैसा दिखावा कर श्रद्धालुओं से दक्षिणा के नाम पर राशि ले लेते हैं. श्रद्धालु उन्हें मंदिर का अधिकृत पुजारी या प्रतिनिधि समझकर ठगे जाते हैं. ऐसी शिकायतें लगातार प्रशासन तक पहुंच रही थीं, जिसके बाद इस नई व्यवस्था को लागू करने की तैयारी की जा रही है

सभी को आई कार्ड गले में डालना जरूरी
मंदिर प्रशासन के अनुसार, प्रस्तावित आई कार्ड सभी अधिकृत पुजारी, पुरोहित, सेवक और प्रतिनिधियों के लिए अनिवार्य होगा. कार्ड में नाम, पता, मोबाइल नंबर के साथ ही रक्त समूह की जानकारी भी दर्ज रहेगी. प्रत्येक व्यक्ति को यह आई कार्ड गले में प्रदर्शित करना अनिवार्य किया जाएगा. यदि आई कार्ड खो जाए या खराब हो जाए, तो इसकी सूचना महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को देना होगी. समिति जानकारी सत्यापित कर नया कार्ड जारी करेगी.

ड्रेस कोड का भी होगा निर्धारण
इसके साथ ही सभी पुजारियों और प्रतिनिधियों के लिए एक समान ड्रेस कोड भी निर्धारित किया जाएगा. ड्रेस के मानक तय करने का काम मन्दिर प्रशासन कर रहा है. इस नियम के लागू होने के बाद पूजन पाठ के मद्देनजर गर्भगृह से लेकर महाकाल मंदिर परिसर में केवल अधिकृत और पहचान पत्र वाले ही प्रवेश कर सकेंगे. मंदिर प्रबंधन का कहना है कि इससे मंदिर की मर्यादा और अनुशासन में वृद्धि होगी तथा श्रद्धालुओं को सुरक्षित और पारदर्शी व्यवस्था मिलेगी.

कलेक्टर, कमिश्नर, प्रशासक कर रहे मंथन
सिंहस्थ 2028 से पहले महाकाल परिसर में अनेक व्यवस्थाओं को नया स्वरूप दिया जा रहा है. उज्जैन कलेक्टर रोशन कुमार सिंह, सिंहस्थ मेला अधिकारी आशीष सिंह और मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक मिलकर इन नवाचारों पर काम कर रहे हैं.

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