
ग्वालियर। कृषि विश्वविद्यालय में एक जागरूकता कार्यशाला कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम अधिनियम 2013 के अंतर्गत आई.सी.सी. की कार्यप्रणाली एवं न्यायिक निर्णय विषय पर आयोजित की गई। कार्यशाला में कार्यस्थल पर महिलाओं पर हो यौन उत्पीड़न की प्रतिशतता में कमी लाने एवं उन्हें उनके न्यायिक अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया।
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. अरविन्द कुमार शुक्ला ने बताया कि यह कार्यशाला न्यायिक नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने, अधिनियम के प्रावधानों को समझाने, शिकायत निवारण तंत्र के बारे में जानकारी, सुरक्षित कार्य वातावरण को बढ़ावा देने, पुरूष एवं महिला कर्मचारियों के मध्य एक सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण को प्रोत्साहित करने हेतु आयोजित की गई है। सेवानिवृत्त आई.पी.एस. रतन कुमार श्रीवास्तव ने यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013 से जुडे विभिन्न विषयों, न्यायिक निर्णयों एवं कार्यप्रणाली के बारे में विस्तृत एवं प्रमुख बिन्दुओं पर जानकारी दी। कार्यशाला में बताया गया कि यौन उत्पीड़न की किसी भी घटना पर महिला कर्मचारी या छात्रा तुरंत आंतरिक शिकायत समिति के पास दर्ज करा सकती हैं। कार्यशाला में निदेशक विस्तार सेवायें डाॅ. वाय.पी. सिंह, कुलसचिव डाॅ. अजय कौशल, लेखानियंत्रक आर.एस. चतुर्वेदी, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅ. एस.एस. तोमर उपस्थित रहे।
