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खण्डवा। 2024 में ज्ञानेश्वर पाटील को 861188 मत प्राप्त हुए। ये सबसे ज्यादा वोट हैं । 2021 के उपचुनाव में उन्हें कुल 6 लाख 21 हजार 733 वोट मिले थे। उसी दौरान कांग्रेस के राजनारायण को 5 लाख 43 हजार 038 मत प्राप्त हुए थे। ज्ञानेश्वर पाटील को कलेक्टर एवं रिटर्निंग अधिकारी अनूप कुमार सिंह ने निर्वाचित घोषित किया है। अन्य अभ्यार्थियों में इंडियन नेशनल कांग्रेस के नरेन्द्र पटेल को 591540, बहुजन समाज पार्टी के मुन्नालाल तेजी को 11796, राष्ट्रीय जन आवाज पार्टी से अभिनेष सिंह को 9295 मत मिले।
भारतीय युवा जन एकता पार्टी से नारायण सुखदेव पाल को 1699, आम जनता पार्टी (इंडिया) से प्रकाश राठौड़ बंजारा को 2368, पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) से महेश पवार को 3701, निर्दलीय प्रत्याशी मनोज कुमार विश्वंम्भरनाथ अग्रवाल को 4346, रविन्द्र सोनवणे को 2679, लक्ष्मी नारायण कटारे को 4902 एवं शिवम सेन को 3479 मत प्राप्त हुए। नोटा को कुल 12817 मत प्राप्त हुए।
डाक मतपत्रों को देखें
इसके अलावा डाक मतपत्र की भी गिनती की गई। जिसमें भारतीय जनता पार्टी के ज्ञानेश्वर पाटिल को 1491 मत, इंडियन नेशनल कांग्रेस के नरेन्द्र पटेल को 1168, बहुजन समाज पार्टी के मुन्नालाल तेजी को 22, राष्ट्रीय जन आवाज पार्टी से अभिनेष सिंह को 4, भारतीय युवा जन एकता पार्टी से नारायण सुखदेव पाल को 3, आम जनता पार्टी (इंडिया) से प्रकाश राठौड़ बंजारा को 2,पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) से महेश पवार को 8, निर्दलीय प्रत्याशी मनोज कुमार विश्वंम्भरनाथ अग्रवाल को 1,रविन्द्र सोनवणे को 6, लक्ष्मी नारायण कटारे को 3 एवं शिवम सेन को 2 मत प्राप्त हुए। नोटा को कुल 22 मत प्राप्त हुए। इस तरह कुल 4148 डाक मतपत्र प्राप्त हुए, जिसमें से 1416 अस्वीकृत प्राप्त हुए।
गृहक्षेत्रों से हारे दोनों प्रत्याशी
ज्ञानेश्वर ने राजनारायण को लगभग 78 हजार 695 जैसे कम मतों से हरा दिया था। उन्हें कुल 6 लाख 21 हजार 733 वोट मिले थे। राजनारायण को 5 लाख 43 हजार 038 मत प्राप्त हुए थे। निर्दलियों में एक श्री खतवासे व डा. हरेसिंह ने 17-17 वोट कबाड़े थे। 4 ही 5 हजार का आंकड़ा पार कर पाए। बाकी ढाई हजार से नीचे रहे थे।
इससे पहले के चुनाव में नंदकुमारसिंह चौहान ने 2 लाख 73 हजार से ज्यादा मतों से अरूण यादव को हराया था। इस चुनाव में ज्ञानेश्वर पाटिल ने उपचुनाव से दो लाख वोट ज्यादा कबाड़े। ज्ञानेश्वर पाटिल एवं नरेंद्र पटेल दोनों अपने गृहक्षेत्रों से हार गए थे।
उपचुनाव में था रोमांच
2021 का उपचुनाव देखें तो,ज्ञानेश्वर पाटिल के रूप में उस समय खंडवा के नए सांसद बने थे। लंबे समय बाद क्षेत्र को सांसद के रूप में नया चेहरा मिला था। भाजपा ने उपचुनाव में ज्ञानेश्वर को मैदान में उतारा था। कांग्रेस ने राजनारायणसिंह पर विश्वास जताया था। राजनारायणसिंह ने भी सत्तारूढ़ भाजपा के प्रत्याशी को कड़ी फाइट दी थी। आखरी दौर तक सबकी सांसें फूली थींं,कि कौन जीत जाए? अंतत: भाजपा के ज्ञानेश्वर पाटिल को जिला निर्वाचन अधिकारी ने विजयी घोषित कर शाम को प्रमाण-पत्र दे दिया था।