उज्जैन:महाकाल की नगरी में लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन पूजन के लिए आते हैं. स्थानीय यात्रियों और रहवासियों के लिए ऑटो में यात्रा करना अब पहले से ज्यादा सुरक्षित रहेगा, वही सिंहस्थ महाकुंभ 2028 के पहले पुलिस एक और नवाचार कर रही है. साधु के वेश में शैतान न आ सके, इसके लिए जहां एआई पर काम किया जा रहा है, वहीं अब जीआरपी का ऑटो चालकों के लिए क्यू आर कोड का प्रावधान किया जा रहा है जिसमें उनकी पूरी कुंडली रहेगी.
शुक्रवार को इंदौर रेलवे पुलिस की इकाई उज्जैन पहुंची और रेलवे के महाप्रबंधक रवि गुप्ता के दिशा निर्देशन में जो नई प्रणाली लागू की जाएगी उसके संबंध में जानकारी साझा की गई, यह नवाचार सुरक्षा की दृष्टि से एक गेम-चेंजर साबित होगा. यह पहल न केवल स्थानीय नागरिकों बल्कि महाकुंभ में आने वाले करोड़ों तीर्थयात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
सिंहस्थ 2028 और सुरक्षा की चुनौती
सिंहस्थ 2028 में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए सुगम और सुरक्षित आवागमन सबसे बड़ी चुनौती होगी. रेलवे स्टेशन और मेला क्षेत्र में ऑटो रिक्शा परिवहन का एक प्रमुख साधन होंगे. जीआरपी द्वारा 350 ऑटो चालकों के डेटा को क्यूआर कोड के माध्यम से सार्वजनिक करने का यह निर्णय भीड़भाड़ वाले धार्मिक आयोजन के दौरान यात्री सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है.
ऑटो चालक की पूरी डिटेल
यात्री अब अपने स्मार्टफोन से ऑटो पर लगे क्यू आर कोड को स्कैन करके तुरंत चालक के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, जिसमें चालक की पहचान नाम, फोटो, मोबाइल नंबर सबकुछ फीड रहेगा. साथ ही यात्रा करने के बाद यात्री भी अपना फीडबैक दे सकेंगे.
इमरजेंसी में त्वरित पहचान
यदि कोई घटना दुर्घटना होती है या पुलिस से लेकर यात्री को इमरजेंसी में आवश्यकता पड़ती है तो वाहन का विवरण, ऑटो का पंजीकरण नंबर, आपराधिक रिकॉर्ड जैसे सभी जानकारी तुरंत मिल जाएगी जिस समस्या का समाधान होगा.
संदिग्ध की तुरंत पहचान
जीआरपी पुलिस द्वारा किए जा रहे इस नवाचार से आपातकाल में पुलिस मिनटों में चालक की पहचान और स्थान ट्रैक कर सकती है, किसी भी संदिग्ध की पहचान भी आसान होगी. 350 ऑटो चालकों का यह केंद्रीकृत और सत्यापित डेटाबेस जीआरपी को सिंहस्थ 2028 के दौरान परिवहन व्यवस्था को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने में सहायक होगा. यह प्रणाली ऑटो चालकों में जवाबदेही की भावना को बढ़ाएगी, उन्हें पता होगा कि उनकी पहचान हमेशा यात्रियों के पास मौजूद है, यह अनोखा नवाचार उज्जैन को स्मार्ट और सुरक्षित तीर्थ नगरी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है जो सिंहस्थ महाकुंभ की भव्यता और सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा.
जल्द लगेगी पटरी की पाठशाला
रेलवे पुलिस इंदौर इकाई द्वारा उज्जैन में स्थानीय अफसरों के माध्यम से पटरी की पाठशाला नामक एक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जिसमें रेलवे पटरी के आसपास रहने वाले परिवारों बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों और महिलाओं को साथ में लेकर नशे से दूरी स्वास्थ्य के लिए जरूरी जागरूकता अभियान चलाएंगे जो नवाचार की दृष्टि से शुरू होगा.
