
जबलपुर। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष इंदौर के पुलिस आयुक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए। युगलपीठ ने पुलिस आयुक्त को निर्देशित किया है कि इंदौर में सड़क हादसों को रोकने के लिए सुधारात्मक प्रयास के संबंध में रिपोर्ट पेश करें। याचिका पर अगली सुनवाई 17 दिसंबर को निर्धारित की गयी है।
गौरतलब है कि 15 सितंबर की शाम एरोड्रम इलाके की सड़कों पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने करीब एक किलोमीटर तक कई लोगों और वाहनों को कुचला। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे। इंदौर में नो एंट्री में ट्रक के कोहराम मचाने की घटना को संज्ञान में लेते हुए युगलपीठ ने मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के आदेश जारी किये थे।
संज्ञान याचिका की सनुवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर से पूछा था कि यह गंभीर चूक कैसे हुई। कोर्ट ने यह बताने भी कहा था कि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए क्या योजना है। हाईकोर्ट कोर्ट ने गंभीर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जब सड़क सुरक्षा के सख्त नियम मौजूद हैं, तो इस तरह के हादसे होना अत्यंत चिंताजनक है।
पूर्व में सुनवाई के दौरान इंदौर के पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर वर्चुअली और ट्रैफिक डीसीपी व्यक्तिगत रूप से हाजिर हुए थे। इसके बाद याचिका को इंदौर बेंच स्थानांतरित कर दिया गया था। इंदौर बेंच से पुनः याचिका को मुख्यपीठ स्थानांतरित की गयी थी। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र की तरफ से बताया गया था कि इस हादसे के बाद भी इंदौर में ऐसी दुर्घटनाएं घटित हो गयी है। जिसे गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने इंदौर पुलिस आयुक्त को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहने के आदेश जारी किये थे।
याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान इंदौर पुलिस आयुक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से युगलपीठ के समक्ष उपस्थित हुए। उन्होने बताया कि इंदौर में उक्त घटना के बाद कोई भीषण सड़क दुर्घटना घटित नहीं हुई है। सड़क दुर्घटनाओं के रोकने सुधारात्मक प्रयास किये जा रहे है। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किये।
