
बीना। रिफाइनरी प्रबंधन का दोहरा चरित्र उसे समय उजागर हुआ जब नो डेवलपमेंट जोन में एक कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। जहां एक और नो डेवलपमेंट जोन में ग्रामीणों द्वारा अगर छोटा सा भी कार्य किया जाता है तो उन्हें शक्ति से रोक दिया जाता दूसरी ओर प्रबंधन द्वारा बीआरसी कंपनी द्वारा कॉलोनी का निर्माण किया जाना यह बात स्पष्ट करता है की रिफाइनरी प्रबंधन द्वारा मौखिक स्वीकृति से कार्य किया जा रहा है जिस पर ग्रामीणों का कहना है की रिफाइनरी प्रबंधन जानबूझकर ग्रामीण जनों को परेशान करती है और कंपनी द्वारा किया जाने वाली कारों पर किसी प्रकार का कोई हस्तक्षेप नहीं कंपनियों के बड़े-बड़े वाहन सड़कों को चारों तरफ बदहाल कर रही हैं किंतु शासन प्रशासन मुंक दर्शक बनकर देख रही है जो एक चिंतनीय विषय है।दरअसल रिफाइनरी विस्तार कार्य के दौरान सुरक्षा नियमों की अनदेखी का मामला सामने आया है। ग्राम हड़कल खाती के पास सीआईएसएफ कैंप के समीप रिफाइनरी के पांच किलोमीटर के प्रतिबंधित (बैन) नो डेवलपमेंट जोन में एक लेबर कॉलोनी का निर्माण कार्य जारी है।यह कॉलोनी एक निजी बीआरसी कंपनी की ओर से बिना किसी आवश्यक अनुमति के बनाई जा रही है। नियमों के अनुसार, रिफाइनरी के आसपास निर्धारित क्षेत्र में किसी भी प्रकार का स्थायी निर्माण बैन है। इसके बावजूद मजदूरों के रहने के लिए अस्थायी कमरे तैयार किए जा रहे हैं।बिना अनुमति शुरू किया निर्माण इस निर्माण के लिए न तो संबंधित ग्राम पंचायत से अनुमति ली गई है और न ही क्षेत्रीय विकास नियंत्रण समिति से कोई स्वीकृति प्राप्त की गई है।एसडीएम विजय डेहरिया ने इस संबंध में बताया कि उनके द्वारा किसी प्रकार की अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि यदि बिना स्वीकृति के निर्माण किया जा रहा है, तो जांच कर कार्य को तत्काल रोका जाएगा।
