
नीमच। अब नीमच पुलिस की डायल-112 टीम केवल त्वरित सहायता ही नहीं, बल्कि जीवन रक्षक कौशल से भी लैस होगी। पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक अंकित जायसवाल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवल सिंह सिसोदिया के मार्गदर्शन में सीपीआर और बीएलएस का विशेष प्रशिक्षण पुलिस कंट्रोल रूम, नीमच में आयोजित किया गया।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 31 अक्टूबर और 1 नवम्बर को जिला अस्पताल नीमच के विशेषज्ञ चिकित्सकों डॉ. सतीश चौधरी (मेडिसिन विशेषज्ञ), डॉ. राजेश धाकड़ (आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी) और डॉ. जन्मेजय शाक्या (अस्पताल प्रबंधक) के सहयोग से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के दौरान डायल-112 में कार्यरत 33 पुलिसकर्मियों और 32 एफआरवी पायलटों को प्रशिक्षित किया गया। चिकित्सकों ने जवानों को हृदय गति रुकने, सांस न लेने या दुर्घटना जैसी आपात स्थितियों में जीवन रक्षक सीपीआर तकनीक की बारीकियां सिखाईं।
प्रशिक्षण का उद्देश्य पुलिस जवानों को घटनास्थल पर फर्स्ट रेस्पॉन्डर के रूप में सक्षम बनाना है, ताकि वे जरूरत पडऩे पर किसी घायल या अचेत व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देकर उसकी जान बचा सकें।
सीपीआर की अहमियत
सीपीआर एक ऐसी तकनीक है जो किसी व्यक्ति की हृदय गति या सांस रुकने पर उसे दोबारा जीवित करने में मदद करती है। अक्सर हादसों या आपातकालीन स्थितियों में समय पर सीपीआर देने से अनगिनत जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
अब नीमच की डायल-112 टीमें न केवल त्वरित सहायता पहुंचाएंगी, बल्कि जीवन रक्षक पुलिस के रूप में भी अपनी भूमिका निभाएंगी।
