न्यूयॉर्क, 30 अक्टूबर (वार्ता) कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी ने फिलीस्तीन समर्थक हमास पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए इजराइल के साथ 9 अक्टूबर को हुए युद्धविराम समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
प्रधानमंत्री ने यह आरोप मंगलवार को राफा में उसके लड़ाकों द्वारा आईडीएफ कर्मियों पर हमला करने और एक रिजर्व अधिकारी की हत्या करने के बाद लगाया गया है।
हालांकि अल-थानी ने सीधे-सीधे समूह का नाम नहीं लिया है लेकिन उन्होंने परोक्ष रूप से हमास पर शत्रुता भड़काने का आरोप लगाया और आतंकवादी समूह को ‘फिलिस्तीनी समूह’ बताया।
न्यूयॉर्क शहर में काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में दिए साक्षात्कार में अल-थानी ने कहा कि दक्षिणी गाजा पट्टी के राफा क्षेत्र में हुई यह घातक घटना कतर के लिए ‘बेहद निराशाजनक और हताशा पैदा करने वाली” है।
श्री अल-थानी ने कहा, “कल जो हुआ वह एक उल्लंघन था।” उन्होंने स्वीकार किया कि हमास के हमले के बाद मध्यस्थों को उम्मीद थी कि इजराइली सेना जवाबी कार्रवाई करेगी। उन्होंने मंगलवार और बुधवार को इजराइली सेना द्वारा किए गए हमलों का हवाला दिया।
मंगलवार को थल सेना ने कुछ इमारतों, सुरंगों और भूमिगत क्षेत्रों को निशाना बनाया, जिनके बारे में उन्होंने कहा कि उनका इस्तेमाल हमास कर रहा था। इस दौरान उसके कुछ लड़ाके मारे गए। इसके बाद वायु सेना ने बुधवार को युद्धग्रस्त पट्टी पर कई बमबारी की।
गाजा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजरायली वायु सेना की बमबारी में 104 लोग मारे गए। हालांकि उन्होंने नागरिकों और लड़ाकों में कोई अंतर नहीं किया।
उनसे जब पूछा गया कि मंगलवार के ‘उल्लंघन’ के लिए विशेष रूप से कौन जिम्मेदार है, तो अल-थानी ने जवाब दिया, “इजराइली सैनिकों पर हमला मूल रूप से फिलिस्तीनी पक्ष द्वारा किया गया उल्लंघन है।”
उन्होंने कहा, “हमास ने एक बयान जारी किया है कि वे हमला करने वाले समूह के संपर्क में नहीं हैं। हमें अभी तक नहीं पता कि यह सच है या गलत।”
