नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (वार्ता) भारत-यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए चल रही वार्ताओं को आगे बढ़ाने के लिए ईयू के व्यापार महानिदेशक के नेतृत्व में यूरोपीय संघ की तकनीकी टीम अगले सप्ताह भारत का दौरा करेगी ।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार ईयू टीम के इस दौरे में विभिन्न मुद्दों पर उन संभावित समाधानों के आधार पर रचनात्मक निष्कर्ष तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा जिन्हें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की ब्रसेल्स यात्रा के दौरान चिन्हित किया गया है।
श्री गोयल ने 26 से 28 अक्टूबर तक ब्रुसेल्स का दौरा किया। उन्होंने यूरोपीय व्यापार एवं आर्थिक सुरक्षा आयुक्त श्री मारोस शेफोविच और उनकी टीम के साथ चल रही भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते वार्ता से संबंधित लंबित मुद्दों पर सार्थक और उपयोगी चर्चा की।
विज्ञप्ति के अनुसार श्री गोयल की इस यात्रा में दोनों पक्षों ने गत फरवरी में आयुक्तों के समूह की नई दिल्ली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के स्पष्ट निर्देशों का पालन करते हुए इस समझौता वार्ता को इस वर्ष के अंत तक संपन्न करने की अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की। इस बैठक में भारत और ईयू के बीच राजनीतिक विश्वास और रणनीतिक संबंधों की गहराई को दर्शाते हुए, पारस्परिक रूप से लाभकारी, संतुलित और न्यायसंगत व्यापार समझौता करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसमें एक-दूसरे की संवेदनशीलताओं और प्राथमिकताओं का भी सम्मान किया गया।
भारत यह सुनिश्चित करने के महत्व को समझता है कि एफटीए टैरिफ और गैर-टैरिफ दोनों बाधाओं को दूर करने और पारदर्शी तथा पहले से अनुमानित नियामक ढांचे बनाने में संतुलित बना रहे, जिससे आने वाले वर्षों में दोनों भागीदारों के व्यापार में तेजी आए।
दोनों पक्षों में लंबित मुद्दों पर संभावित समान धरातल तलाशने के लिए गहन बातचीत हुई। श्री गोयल की इस यात्रा में गैर-प्रशुल्कीय उपायों और यूरोपीय संघ के नए नियमों पर भारत की चिंताओं पर भी अच्छी चर्चा हुई। वार्ता के दौरान श्री गोयल ने भारत की प्रमुख मांगों, विशेष रूप से श्रम-प्रधान क्षेत्रों से संबंधित मांगों, के लिए तरजीही व्यवहार की जरूरत पर बल दिया। दोनों पक्ष गैर-संवेदनशील औद्योगिक वस्तुओं पर शुल्क की दरों को अंतिम रूप देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए है। वे इस बात पर भी सहमत हुए कि इस्पात, ऑटो, सीबीएएम (ईयू में बाहर से आने वाले सामान पर कार्बन कर) और ईयू के अन्य नियमों से संबंधित मुद्दों पर अभी और चर्चा की आवश्यकता है, क्योंकि ये मुद्दे अधिक संवेदनशील हैं।
श्री गोयल ने ईयू के अधिकारियों से कहा है कि भारत साझा नवाचार, संतुलित, न्यायसंगत एवं सार्थक व्यापार, और शांति एवं समृद्धि के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता के माध्यम से इस दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदलने के लिए यूरोपीय संघ के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक है।

