
जबलपुर। जिला पंचायत जबलपुर के अधीन कार्यरत पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, उपयंत्री, पंचायत समन्वयक अधिकारी सहित अन्य मैदानी कर्मचारियों ने ‘सार्थक एप’ से उपस्थिति दर्ज करने के आदेश का कड़ा विरोध किया है। इस संबंध में सभी संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने जिला पंचायत सीईओ को ज्ञापन सौंपकर उक्त आदेश को निरस्त करने की मांग की है। संयुक्त मोर्चा ने जिला पंचायत के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि फील्ड में कार्यरत कर्मचारियों के लिए यह आदेश अव्यवहारिक और असंगत है। संयुक्त मोर्चा ने यह भी कहा कि पूरे मध्यप्रदेश में किसी अन्य जिला पंचायत ने ऐसा आदेश जारी नहीं किया है, केवल जबलपुर जिले में ही इसे नवाचार के नाम पर लागू करने की कोशिश की जा रही है।
कर्मचारियों ने बताया कि अधिकांश कर्मचारी सुबह 7 से 9 बजे के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में हितग्राही मूलक कार्यों में जुटे रहते हैं, ऐसे में मोबाइल एप से उपस्थिति दर्ज करना कठिन है। फील्ड स्टाफ को प्रतिदिन 10 से 40 किलोमीटर तक के क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना, संबल योजना, सीएम हेल्पलाइन जैसी विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन करना पड़ता है। अवकाश के दिनों में भी अधिकारी-कर्मचारी सरकारी योजनाओं के कार्यों में लगे रहते हैं, जिससे तय समय पर एप से उपस्थिति दर्ज कर पाना संभव नहीं होता। कर्मचारियों ने कहा कि एप से उपस्थिति दर्ज करने पर उनकी निजता भंग होने और डेटा के दुरुपयोग की आशंका बनी रहती है।
हड़ताल की चेतावनी
मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि 27 सितम्बर तक आदेश वापस नहीं लिया गया, तो सभी संगठन 28 सितम्बर से जिला पंचायत कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल पर चले जाएंगे। कर्मचारियों ने स्पष्ट कहा कि इस स्थिति की पूरी जिम्मेदारी जिला पंचायत प्रशासन की होगी।
