इंदौर का खतरनाक ‘हिंगोट युद्ध’: परंपरा या जान का जोखिम?

इंदौर: देखिये  मैदान जो लड़ाकों से भरा है, हाथों में जलते हुए अग्नीबाण हैं और चारों तरफ से आग के शोलों की बारिश हो रही है. ये कोई फिल्मी सीन नहीं, बल्कि इंदौर के पास गौतमपुरा का असली नज़ारा है, जहाँ हर साल दिवाली के अगले दिन एक अनोखा ‘हिंगोट युद्ध’ होता है.

इस बार भी 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इसकी कहानी सैकड़ों साल पुरानी है. कहा जाता है कि मुग़ल काल में, जब हमलावर गाँवों को लूटने आते थे, तो यहाँ के योद्धा इसी हिंगोट फल का इस्तेमाल करते थे. हिंगोट एक जंगली फल है, जिसे खोखला करके, सुखाकर उसमें बारूद भर दिया जाता है. ये एक तरह का देसी ग्रेनेड बन जाता था, जिसे फेंककर दुश्मनों को खदेड़ा जाता था. आज वही आत्मरक्षा की तकनीक एक परंपरा बन चुकी है.

इस युद्ध में दो टीमें होती हैं- गौतमपुरा की ‘तुर्रा’ और रुनजी गाँव की ‘कलंगी’ दल. शाम ढलते ही, दोनों दलों के योद्धा भगवान देवनारायण की पूजा करते हैं, एक-दूसरे से गले मिलते हैं और फिर युद्ध के लिए तैयार हो जाते हैं.

अंधेरा होते ही, मैदान ‘जय देवनारायण’ के नारों से गूंज उठता है और फिर शुरू होता है आग के गोलों का संग्राम. योद्धा अपनी ढाल से बचते हुए एक-दूसरे पर जलते हिंगोट फेंकते हैं. ये खतरनाक भी है, और इस साल भी 30 से ज़्यादा लोग घायल हुए. पर यहाँ कोई किसी का दुश्मन नहीं है.

ये लड़ाई सत्ता या ज़मीन के लिए नहीं, बल्कि अपनी सदियों पुरानी बहादुरी और भाईचारे की परंपरा को ज़िंदा रखने के लिए लड़ी जाती है.

Next Post

दुबई इस्लामिक बैंक का एआई नवाचार के लिए एचसीएल से करार

Wed Oct 22 , 2025
नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (वार्ता) दुबई इस्लामिक बैंक (डीआईबी) ने अपने कार्यप्रणाली में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को शामिल करने के लिए भारत की अग्रणी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज के साथ करार किया है। एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने बुधवार को शेयर बाजार को बताया कि दुनिया के पहले इस्लामिक बैंक ने […]

You May Like