
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में अब सादगी का दौर पीछे छूट गया है, और लग्जरी तथा तकनीक ने चुनावी प्रचार में जगह बना ली है। एक समय टोयोटा की फॉर्च्यूनर एसयूवी को नेताओं का सबसे बड़ा स्टेटस सिंबल माना जाता था, लेकिन अब उसकी चमक फीकी पड़ गई है। आज के नेता टोयोटा लैंड क्रूज़र, लैंड रोवर डिफ़ेंडर और रेंज रोवर जैसी करोड़ों की अत्यधिक सुरक्षित गाड़ियाँ पसंद कर रहे हैं। नामांकन प्रक्रिया में यह नया ट्रेंड स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है, जहाँ रोड शो और रैली में सैकड़ों लग्जरी गाड़ियाँ नेताओं के काफिले का हिस्सा बन रही हैं।
नेताओं द्वारा इन महंगी और लग्जरी गाड़ियों को चुनने के पीछे कई कारण हैं। ये गाड़ियाँ न केवल आरामदायक हैं, बल्कि इन्हें अत्यधिक सुरक्षित भी माना जाता है। इसके अलावा, ये गाड़ियाँ अब सोशल मीडिया पर नेताओं का क्रेज़ बढ़ाने में भी मददगार साबित हो रही हैं। युवा नेता इन हाई-एंड एसयूवी के साथ अपनी यात्रा की रील्स बनाकर अपलोड कर रहे हैं, जिन्हें लोग खूब पसंद कर रहे हैं। ये लग्जरी गाड़ियाँ प्रचार के दौरान धूल और शोर को भी कम करने में सहायता करती हैं, जिससे नेता लंबे प्रचार के दौरान भी तरोताज़ा महसूस करते हैं।
इस चुनाव में एक और दिलचस्प ट्रेंड सामने आया है, वह है गाड़ियों में सनरूफ़ (Sunroof) का बढ़ता क्रेज़। अब नेताजी अपनी गाड़ी में सनरूफ़ होना अनिवार्य मान रहे हैं। सनरूफ़ वाली गाड़ियाँ प्रचार के दौरान एक अतिरिक्त सहूलियत प्रदान करती हैं। नेताजी गाड़ी से बार-बार उतरे बिना ही, सनरूफ़ से बाहर निकलकर समर्थकों के साथ खड़े हो जाते हैं और चलते हुए जनता का अभिवादन करते चलते हैं। इस तरह, सनरूफ़ अब न केवल स्टेटस सिंबल है, बल्कि प्रचार करने का एक प्रभावी और आरामदायक तरीका भी बन गया है।
