इंदौर: गृह मंत्रालय के निर्देश पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो इंदौर की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रतलाम जिले में अल्प्राजोलम बनाने वाली एक अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. छापेमारी के दौरान टीम ने 13.762 किलो अल्प्राजोलम पाउडर जब्त किया, जिसकी कीमत करीब 3.44 करोड़ बताई जा रही है. एनसीबी को यह कार्रवाई ग्राम सजेवता, मऊ-नीमच रोड स्थित एक किराए के गोदाम में मिली पुख्ता सूचना के बाद की गई. यहां पर फार्मा की डिग्रीधारी आरोपी हाई मलिटी के उपकरणों से अवैध रूप से साइकोट्रॉपिक ड्रग ‘अल्प्राजोलम’ तैयार कर रहे थे.
एनसीबी की टीम ने मौके से दो आरोपियों 51 वर्षीय रूप सिंह चौहान और 39 वर्षीय अभिजीत सिंह चौहान को गिरफ्तार किया. दोनों इंदौर के हैं और फार्मेसी क्षेत्र से पढ़े हुए हैं. रूप सिंह ने श्रीवैष्णव इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस, इंदौर से बी.टेक किया है और पहले विल्सन फार्मा व श्रीधारा लाइफ साइंसेज (रुड़की) जैसी कंपनियां चला चुका है. उसके खिलाफ 2021 में तेलंगाना आबकारी विभाग ने अल्प्राजोलम तस्करी का केस दर्ज किया था, जिसमें वह जेल भी जा चुका है. वहीं अभिजीत सिंह चौहान, ऋषिराज कॉलेज ऑफ फार्मेसी से स्नातक है और पहले इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी, रतलाम से जुड़ा रहा. बाद में दोनों ने मिलकर अवैध रूप से यह रसायन तैयार करना शुरू किया.
जनवरी से बना रहे थे नशे की दवा
एनसीबी की जांच में सामने आया कि दोनों आरोपियों ने जनवरी 2025 से किराए पर लिए गए गोदाम में यह काम शुरू किया था. प्रयोगशाला से टीम ने कई रासायनिक पदार्थ और लैब उपकरण बरामद किए, जिनमें राउंड बॉटम फ्लास्क, ऑयल बाथ, कंडेंसर, स्टिरर, थर्मामीटर समेत बड़ी मात्रा में मेथेनॉल, आइसोप्रोपाइल अल्कोहल, टोल्यून, एथाइल एसीटेट और क्लोरोफॉर्म जैसी केमिकल्स शामिल हैं. एनसीबी इंदौर जोनल यूनिट ने इस पूरे ऑपरेशन को खुफिया इनपुट पर अंजाम दिया. टीम कई दिनों से संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रख रही थी. जब पुष्टि हो गई कि यहां अवैध रूप से अल्प्राजोलम तैयार की जा रही है, तब टीम ने मौके पर दबिश देकर छापा मारा.
