शाढ़ौरा: नगर परिषद शाढ़ौरा की उपाध्यक्ष संगीता अरविन्द रघुवंशी ने नगर परिषद में अध्यक्ष अशोक माहोर और प्रेसिडेंट-इन-काउंसिल (पीआईसी) को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने इसे स्वास्थ्य खराब रहने को मुख्य कारण बताया।उपाध्यक्ष रघुवंशी के इस्तीफे के बाद परिषद में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। इससे पूर्व रचना परिहार भी पीआईसी से इस्तीफा दे चुकी हैं और बैठकों में शामिल नहीं हो रही हैं।
रघुवंशी का यह कदम ऐसे समय आया है जब अध्यक्ष अशोक माहोर पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। इनमें अपने भाई और भतीजे को नौकरी पर लगाने, 5 लाख रुपये के डीज़ल में गड़बड़ी और 10 सफाई कर्मचारियों को अपने लेटर हेड पर नियुक्त करने के मामले शामिल हैं। मध्यप्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास विभाग की जांच में ये आरोप सही पाए गए और अध्यक्ष को पद से अलग करने की प्रक्रिया जारी है।
श्रीमती रघुवंशी का इस्तीफा परिषद में चल रहे असंतोष को उजागर करता है। सूत्रों के अनुसार उपाध्यक्ष लंबे समय से परिषद की कार्यशैली से असहमत थीं। नगर के विभिन्न हिस्सों में सड़क, नाली और स्वच्छता जैसी बुनियादी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा था।नगर परिषद में अब अध्यक्ष के समर्थन में केवल 4 पार्षद रह गए हैं, जबकि पीआईसी गठन के लिए न्यूनतम 5 निर्वाचित पार्षदों की आवश्यकता होती है। इस कारण परिषद की बैठकों में प्रस्ताव पारित करना और पीआईसी की गतिविधियां चलाना कठिन हो गया है।राजनीतिक विशेषज्ञ मान रहे हैं कि उपाध्यक्ष का इस्तीफा अध्यक्ष की कार्यशैली और परिषद के भीतर गहरे असंतोष का परिणाम है।
