जीरापुर: सुसनेर जीरापुर रोड़ पर डग रोड़ वाले बालाजी मंदिर के समीप स्थित नगर का सबसे पुराना मोती का तालाब जो नगर में तत्कालीन समय में अपने नाम की प्रसिद्धि एवं अपनी पहचान से जाना जाता था. जहां पर बारह मास इस तालाब में पानी भरा रहता है. तालाब के पानी का तत्कालीन समय में पशुओं को पीने के अलावा पास की कृषि भुमि में जल स्तर बढ़ा रहता था. हालांकि छापी बांध के निर्माण उपरांत मोती का तालाब में पानी जरूर भर जाता है. तत्कालीन जनपद अध्यक्ष स्वर्गीय पुरी लाल गुर्जर के कार्यकाल में जनपद के माध्यम से इस तालाब का गहरीकरण हुआ था.
उसके उपरांत मधुकांन कम्पनी ने सड़क निर्माण में तालाब परिसर से मिट्टी निकलवाई जिससे भी तालाब गहरी करण हुआ था. विगत लगभग एक वर्ष पूर्व नगर परिषद ने तालाब में जल गंगा संवर्धन योजना के तहत गहरीकरण कार्य किया था जिसमें किसान अपनी अपनी ट्रालियों से मिट्टी तालाब से लेकर गए थे. क्षेत्रीय विधायक हजारीलाल दांगी ने तालाब के उचित रखरखाव तथा घाट निर्माण एवं सौंदरीकरण को लेकर विगत समय में जिला कलेक्टर राजगढ़ को लिखित में अवगत कराया था. इस आधार पर विगत माह जिला कलेक्टर ने
जल्द बने कार्ययोजना और शुरू हो काम
हाल ही में परिषद की बैठक में नगर विकास के विभिन्न बिन्दुओं सहित उक्त तालाब पर घाट निर्माण सौंदर्गीकरण के लिए डीपीआर तैयार करने का प्रस्ताव किया तथा डीपीआर तैयार करके पुरी कार्य योजना बनाई जावेगी. सीएमओ हरीओम शर्मा ने बताया कि परिषद में डीपीआर तैयार करने का प्रस्ताव हो चुका है. उपयंत्री बृजेश उपाध्याय का कहना है कि सीमांकन करवाना है तथा परिषद एवं विधायक के द्वारा यह निर्णय लिया गया कि डग मंदिर वाले तालाब पर घाट निर्माण, पिचिंग, ग्रीन बेल्ट लाइट व्यवस्था, सौंदर्याकरण काम किया जाये जिससे वह एक पर्यटन स्थल बन सकें, तथा स्वरोजगार योजना अंतर्गत सिंघाड़ा एवं कमल की खेती हो सके जिससे लोगों को स्व रोजगार मिल सके.
अपने दौरे के दौरान तालाब का स्थल निरीक्षण किया था. विधायक हजारीलाल दांगी ने पत्रकारों से भी मोती के तालाब का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्याकरण को लेकर चर्चा की थी जिसमें पुरे तालाब परिसर को व्यवस्थित करने की बात भी रखीं थीं इस दौरान कहा था कि नगर परिषद प्रस्ताव करतीं हैं तो उक्त तालाब के लिए शासन स्तर से राशि आवंटित करवाई जाएगी
