बैतूल: सोनाघाटी रेलवे पुल की टर्निंग पर सड़क बेहद संकरी होने से आए दिन वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। केवल 7 मीटर चौड़ी सड़क में पुलिया के पास चौड़ाई घटकर सिर्फ 5 मीटर रह जाती है, जहां दो वाहन एक साथ क्रॉस नहीं कर पाते। यही वजह है कि इस स्थान पर कई हादसे पहले भी हो चुके हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने सड़क चौड़ीकरण पर कभी गंभीरता नहीं दिखाई।
हालात यह हैं कि पुल से चारपहिया वाहन गुजरते ही बाइक सवारों को किनारे रुकना पड़ता है या खतरा मोल लेना पड़ता है। वहीं, सदर ओवरब्रिज और बढ़ोरा मंडी के आसपास भी जाम और अव्यवस्था की स्थिति बनी रहती है। मक्का खरीदी सीजन में यहां यातायात की दिक्कतें और बढ़ने की आशंका है।जानकारी के अनुसार, बैतूल-इटारसी और बैतूल-नागपुर दोनों ओर की फोरलेन सड़कें 30 मीटर चौड़ी बन चुकी हैं, लेकिन बीच का 13 किलोमीटर का हिस्सा सोनाघाटी से मिलानपुर तक आज भी पुराना और संकरा है। 2015 में इस सड़क का प्रस्ताव एनएचएआई से पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर होने के बाद भेजा गया था, लेकिन बजट न मिलने पर दोबारा प्रपोजल ही नहीं भेजा गया।
एसडीओ डीएस परमार ने बताया कि सोनाघाटी से मिलानपुर तक 13 किमी सड़क के चौड़ीकरण की पूर्व में योजना बनी थी। “यदि बजट की व्यवस्था होगी तो उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर प्रस्ताव भेजा जाएगा,उन्होंने कहा।स्थानीय लोगों की मांग है कि सड़क और पुलों के चौड़ीकरण का कार्य जल्द शुरू हो, ताकि हादसों से बचा जा सके और यातायात सुचारू रूप से संचालित हो सके।
