
भोपाल। मध्यप्रदेश ने ऊर्जा क्षेत्र में नया इतिहास रच दिया है। मुरैना में शुरू होने जा रही देश की पहली सोलर प्लस स्टोरेज परियोजना ने न केवल स्वच्छ ऊर्जा को नई दिशा दी है, बल्कि पूरे भारत में सबसे कम 2.70 रुपए प्रति यूनिट टैरिफ का रिकॉर्ड भी बनाया है।
ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने बताया कि यह परियोजना परंपरागत कोयला आधारित बिजली से सस्ती साबित होगी और इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि बैटरी स्टोरेज के जरिए दिन और रात दोनों समय बिजली की समान उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी। मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा, “जिस तरह घरों में बिजली जाते ही इनवर्टर बैकअप देता है, उसी तरह बड़े स्तर पर यह परियोजना काम करेगी।
इस पार्क में दो बड़े सोलर-प्लस-बैटरी भंडारण यूनिट शामिल किए गए हैं, जिनसे वास्तविक समय सौर उत्पादन के साथ-साथ शाम और सुबह के पीक घंटों में भी 220-220 मेगावाट बिजली आपूर्ति होगी। यह मॉडल साबित करता है कि बैटरी स्टोरेज के साथ नवीकरणीय ऊर्जा न सिर्फ भरोसेमंद बल्कि किफायती भी हो सकती है।
नीलामी में अदानी, एनटीपीसी, रिन्यू सोलर, एंजी एनर्जी जैसी दिग्गज कंपनियों की भागीदारी से यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आकर्षण का केंद्र बनी। इसके सफल क्रियान्वयन से चंबल क्षेत्र को आर्थिक और औद्योगिक विकास का नया आधार मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार भी बढ़ेगा।
यह परियोजना साबित करती है कि मध्यप्रदेश अब न केवल भारत की सोलर राजधानी बन रहा है, बल्कि ऊर्जा संक्रमण की वैश्विक यात्रा में मार्गदर्शक भी है।
