
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हिंदी आज वैश्विक मंच पर भारत की पहचान बन चुकी है। संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स और जी-20 जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदी को भारत की संस्कृति और स्वाभिमान से जोड़ा है।
उन्होंने कहा कि हिंदी केवल भाषा नहीं, बल्कि हमारी पहचान और चेतना है। आजादी के आंदोलन से लेकर स्वतंत्र भारत तक हिंदी की अहम भूमिका रही है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल और विनोबा भावे जैसे महापुरुषों ने भी हिंदी को सर्वोपरि माना।
मुख्यमंत्री शनिवार को भोपाल के मैनिट परिसर में आयोजित तूर्यनाद-25 महोत्सव में बोल रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। डॉ. यादव ने कहा कि तूर्यनाद महोत्सव हिंदी और भारतीय संस्कृति के नवजागरण का उद्घोष है।
उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत मध्यप्रदेश में मेडिकल सहित अनेक विषयों की पढ़ाई हिंदी में शुरू की गई है। अब छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थी भी अपनी मातृभाषा में चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृभाषा की उन्नति के बिना समाज की प्रगति संभव नहीं है। हिंदी ने भारत को विश्व में अलग स्थान दिलाया है। स्वामी विवेकानंद और अटल बिहारी वाजपेयी ने भी हिंदी को अंतरराष्ट्रीय सम्मान दिलाया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दिव्यांग विद्यार्थी राजा पटेल के साथ सेल्फी लेकर उनका उत्साहवर्धन किया। साथ ही तूर्यनाद आयोजन समिति को राष्ट्रभाषा संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री निवास में कार्यक्रम करने के लिए आमंत्रित किया।
मैनिट के कार्यकारी निदेशक शैलेन्द्र जैन ने कहा कि संस्था तकनीकी शिक्षा के साथ 35 से अधिक समितियों के माध्यम से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर कार्य कर रही है। आरएनटीयू के कुलगुरू डॉ. संतोष चौबे ने बताया कि आज 100 देशों में हिंदी बोली जाती है और 150 विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जा रही है।
आयोजन समिति की संयोजिका सविता दीक्षित ने कहा कि इस महोत्सव से विद्यार्थियों में सांस्कृतिक मूल्य, नैतिकता और सामाजिक उत्तरदायित्व का विकास होता है। कार्यक्रम में छात्र परिषद अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह चौहान सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
