
रीवा।जिले भर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया. जहा आपसी समझौते के तहत प्रकरणों का निराकरण किया गया. जिला एवं तहसील न्यायालयो में 46 खंडपीठो का गठन किया गया जहा प्रीलिटिगेशन के 1262 प्रकरण का निराकरण कर 14140781 अवार्ड राशि पारित की गई.
जिला न्यायालय में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राकेश मोहन प्रधान ने दीप प्रज्जवलित कर लोक अदालत का शुभारंभ किया. अलग-अलग खंडपीठो में प्रकरणों का आपसी सुलह के साथ निराकरण किया गया, सुबह से देर शाम तक भीड़ लगी रही. बिजली से जुड़े एवं चेक बाउंस के प्रकरणों का भी निराकरण हुआ. राजी खुशी दोनो पक्ष आपसी सुलह के साथ प्रकरणों का निराकरण करा कर खुशी-खुशी गए. लोक अदालत में प्रकरणों का निराकरण होने से समय और धन दोनो की बचत होती है. अनावश्यक रूप से परेशान नही होना पड़ता है.46 खंडपीठो का गठन लोक अदालत को लेकर किया गया था. जिला एवं तहसील न्यायालयों में कुल 46 खंडपीठों का गठन किया गया. जिसमें प्रीलिटिगेशन के 1262 प्रकरण में निराकरण किया गया जिसमें राशि का आवर्ड राशि 14140781 एवं 1064 लंबित प्रकरण के निराकरण में अवार्ड राशि 129238379 रूपए का निराकरण नेशनल लोक अदालत के माध्यम से किया गया. इस तरह कुल 2326 प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं 143379160/- रुपये के अवार्ड पारित किए गए. इस अवसर पर लोक अदालत प्रभारी सुरेन्द्र कुमार विशेष न्यायाधीश, समीर कुमार मिश्र सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अविनाश चंद्र तिवारी प्रधान न्यायाधीश, असरफ अली जिला न्यायाधीश, सुधीर सिंह राठौड़ जिला न्यायाधीश, संदीप श्रीवास्तव जिला न्यायाधीश आदि मौजूद थे.
